मशरक में पुलिस पर हमले के सिलसिले में 36 गिरफ्तारियां, गांवों में घरों में  लटका ताला

गांव में घरों में घुस तोड़ फोड़ और सड़कों पर ही जो मिला उसको पुलिस ने जमकर पीटा

मशरक के बहरौली गांव में श्मशान की जमीन पर कब्जा को लेकर विवाद में मारपीट की घटना के बाद मशरक पुलिस का अमानवीय चेहरा देखने को मिला है। जहां पुलिस ने घर में घुसकर‌ तोड़ फोड़ की और गांव में जो जहां मिला उन सभी निर्दोष लोगों की भी बेरहमी से पिटाई की है और गिरफ्तार कर भेज भेज दिया। घटना मशरक थाना क्षेत्र के बहरौली गांव में श्मशान घाट की जमीन को लेकर हिंसक झड़प हो गई। मंगलवार को दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट और पत्थरबाजी हुई। घटना में एक महिला पुलिसकर्मी व एक पुलिस अधिकारी सहित 11 ग्रामीण भी घायल हो गए। घायलों में बहरौली गांव के काशी नाथ राय, कुंती देवी, उमरावती देवी, प्रिंस कुमार, आदित्य कुमार, माला कुमारी, रीता देवी, रिजू कुमारी, रोहित कुमार राय और उदय कुमार शामिल हैं। वहीं पुलिस वाहन के जान बचा भागने के दौरान वाहन की चपेट में आने से तेरस महंतो भी गंभीर रूप से घायल हो गए।जिनका इलाज पटना पीएमसीएच में चल रहा है। सभी घायलों का सीएचसी मशरक में इलाज कराया गया।  इसके बाद भारी संख्या में गांव में पुलिस बल पहुंचकर घर में घुसकर लोगों की बेरहमी से पिटाई की है। घर में तोड़फोड़ भी किया गया है वहीं बाहर खड़ी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इस मामले में पुलिस ने 36 लोगों को गिरफ्तार कर  मंडल कारा छपरा भेज दिया। जिसमें अधिकांश निर्दोष है। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने उन महिलाओं को भी पीटा जो घर से बाहर तक नहीं निकलती है। ग्रामीणों ने बताया कि श्मशान को लेकर गांव में पहले से ही विवाद हैं वहीं इस मुद्दे पर सीओ और थानाध्यक्ष को ज्ञापन सौंप समाधान करने की मांग की गयी थी पर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की जिसका नतीजा हुआ कि गांव में ही कामेश्वर राय और सरपंच फुलेश्वर राय ने भोले भाले ग्रामीणों को भड़का दिया और जिसका नतीजा हुआ कि आक्रोशित ग्रामीणों ने दुमदुमा में मुख्य सड़क जाम कर दिया जो लगभग-लगभग 5 घंटे से ज्यादा समय तक बंद रहा पर सीओ को छोड़ किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने वहां पहुंचने की जहमत तक नहीं उठाई।

वहीं यदि पुलिस प्रशासन उसी दिन सड़क जाम की प्राथमिकी दर्ज कर चिन्हित को गिरफ्तार कर लेती तों इतनी बड़ी घटना होने से बच सकती थी। पुलिस से मारपीट की घटना में नाम नहीं छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस पर हमला वालें दिन की घटना यह थी कि सुनील राय की घर की महिला बगल में शौच के लिए निकली गांव की महिलाओं से गाली गलौज कर रहीं थीं उसी दौरान एक महिला ने डंडे से मार दिया जिसको लेकर मारपीट शुरू हो गई। वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस अधिकारी ने वाहन से उतरते ही महिलाओं को मारना पीटना शुरू कर दिया जिस पर दोनो पक्ष के आक्रोशित लोग भी पुलिस टीम से उलझ गए और मारपीट हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि इतनी बड़ी घटना के लिए सिर्फ पुलिस के अधिकारी ही जिम्मेदार है जिन्होंने समय पर कार्रवाई नहीं की। जिसका नतीजा बड़ी घटना घट गयी।  वैसे घटना के बाद गांव में तनाव बना हुआ है।वैसे बुधवार की सुबह जब गांव का निरीक्षण किया गया तो गांव में अधिकांश घरो में ताला लटका हुआ है। यदि वृद्ध महिला हैं तों कोई भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। वहीं थानाध्यक्ष अजय कुमार ने पुलिस पर हमला और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने की प्राथमिकी दर्ज करते हुए 36 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जिसमें बहरौली के संजय राय, पिता-रामप्रवेश राय,विनोद राय, पिता स्व० नगीना राय,रमेश राय, पिता-जमुना राय,मंडल राय, पिता रामायण राय,छतू राय, पिता-स्व० मुंशी राय,नागेन्द्र कुमार, पिता-सनफुल राय,विपिन कुमार, पिता हरिचरन राय, इन्द्रजीत राय, पिता स्व० जमादार राय,मोखतार राय, पिता स्व० मोना राय,लखनदेव राय, पिता-इन्द्रजन राय,सुनिल राय, पिता-परमा राय, राजकुमार 12 राय, पिता-दिनानाथ प्रसाद यादव,जवाहरलाल राय, पिता स्व० रामायण राय के साथ 23 महिला शामिल है।

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