अब 1.14 लाख आंगनबाड़ी केंद्र होंगे डिजिटल, सेविका-सहायिका सीखेंगी अंग्रेजी-कंप्यूटर

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार ने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं को डिजिटल युग के अनुरूप प्रशिक्षित करने की बड़ी योजना बनाई है। इसके तहत राज्य के सभी 1.14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों को डिजिटल रूप से सशक्त किया जाएगा। साथ ही सेविका-सहायिकाओं को कंप्यूटर और अंग्रेजी का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत अंग्रेजी सिखाने की जिम्मेदारी श्रम विभाग के कौशल विकास केंद्रों को दी गई है। समाज कल्याण विभाग ने इसके लिए श्रम संसाधन विभाग को आधिकारिक अनुरोध पत्र भेजा है। इससे आंगनबाड़ी सेविकाओं की कार्यक्षमता बढ़ेगी और वे अधिक दक्षता से अपनी जिम्मेदारियां निभा सकेंगी।

बताया जाता है कि कोरोना महामारी से पहले ही इस योजना पर सहमति बन गई थी। लेकिन लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। कुछ जिलों में इसकी शुरुआत जरूर हुई थी। मगर पूर्ण प्रशिक्षण नहीं हो पाया था। अब सरकार दोबारा इस योजना को तेजी से लागू करने जा रही है।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ डिजिटल रूप से दर्ज करना अनिवार्य होता है। इसके लिए हर सेविका को मोबाइल एप दिया गया है। जिससे वे लाभार्थियों का डेटा ऑनलाइन दर्ज करती हैं। हालांकि हर दिन एप में होने वाले बदलावों के कारण सेविकाओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसी वजह से सरकार ने सेविका-सहायिकाओं का डिजिटल स्किल बढ़ाने के साथ-साथ कंप्यूटर शिक्षा देने का फैसला लिया है।

सरकार सिर्फ डिजिटल स्किल तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि जिन सेविकाओं ने मैट्रिक या इंटर की पढ़ाई पूरी नहीं की है, उनके लिए भी विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं। इससे वे शिक्षा प्राप्त कर अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकेंगी।

यह योजना बिहार सरकार के महिलाओं के सशक्तिकरण अभियान का हिस्सा है। सेविका-सहायिकाओं को अंग्रेजी और कंप्यूटर सिखाने से उनकी कार्यकुशलता तो बढ़ेगी ही, साथ ही वे अन्य क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भर बन सकेंगी। सरकार का यह कदम आंगनबाड़ी सेवाओं को आधुनिक बनाने और डिजिटल भारत के लक्ष्य को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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