बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। सीबीएसई/CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने अपने मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संबद्धता नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब स्कूल प्रबंधन को एक बड़ी राहत देते हुए सीबीएसई ने एक ही एफिलिएशन नंबर के तहत स्कूल की नई शाखा स्थापित करने की अनुमति दे दी है।
अब तक सीबीएसई किसी भी स्कूल को अलग-अलग शाखाएँ खोलने की अनुमति नहीं देता था। प्रत्येक स्कूल को अलग संबद्धता संख्या प्राप्त करनी पड़ती थी। लेकिन नए नियमों के तहत मुख्य विद्यालय और उसकी शाखा एक ही एफिलिएशन नंबर के अंतर्गत संचालित हो सकेंगी, जिससे प्रशासनिक और शैक्षणिक व्यवस्थाओं में समन्वय स्थापित होगा।
सीबीएसई के अनुसार इस नई प्रणाली में मुख्य विद्यालय और उसकी शाखा का स्वामित्व एवं प्रबंधन एक ही होगा। हालांकि दोनों विद्यालयों के लिए अलग-अलग शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति करनी होगी और उनके वेतन की जिम्मेदारी मुख्य विद्यालय की होगी।
इसके अलावा दोनों विद्यालयों के लिए एक साझा वेबसाइट होगी। जिसमें शाखा स्कूल के लिए अलग सेक्शन होगा। मुख्य विद्यालय ही दोनों शाखाओं के प्रवेश प्रक्रिया और वित्तीय मामलों को संभालेगा। यदि कोई छात्र शाखा विद्यालय से मुख्य विद्यालय में प्रवेश लेना चाहता है, तो यह प्रक्रिया स्वाभाविक रूप से छठी कक्षा में पदोन्नति मानी जाएगी। इसे नया प्रवेश नहीं माना जाएगा।
सीबीएसई के अनुसार शाखा स्कूल में केवल प्री-प्राइमरी से कक्षा 5 तक की पढ़ाई होगी। जबकि मुख्य विद्यालय में कक्षा 6 से 12वीं तक की शिक्षा दी जाएगी। बोर्ड के किसी भी निर्देश या आधिकारिक संवाद का उत्तर देने की जिम्मेदारी मुख्य विद्यालय के प्रधानाचार्य की होगी।
यह निर्णय उन स्कूल समूहों के लिए राहतभरा साबित होगा, जो एक ही शहर या क्षेत्र में अपने नेटवर्क को बढ़ाना चाहते हैं। इससे प्रशासनिक और वित्तीय बोझ कम होगा। साथ ही छात्रों को निर्बाध शिक्षा जारी रखने का अवसर मिलेगा।
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