Bihar News : होमगार्ड जवानों ने पटना में किया जोरदार प्रदर्शन, समान काम के लिए समान वेतन की मांग.

Bihar News : पटना में होमगार्ड जवानों ने अपने हक और अधिकार के लिए गर्दनीबाग धरना स्थल पर जोरदार प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में पटना पहुंचे होमगार्ड जवानों ने समान काम के लिए समान वेतन और अन्य सुविधाओं की मांग उठाई। प्रदर्शनकारी सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिसकर्मियों की तरह काम करने के बावजूद उन्हें समान वेतन और सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।

कोर्ट का फैसला, फिर भी सरकार की अनदेखी :

प्रदर्शनकारियों में शामिल होमगार्ड जवान अरुण कुमार ठाकुर ने कहा कि सरकार लंबे समय से उनकी 21 सूत्री मांगों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला भी उनके पक्ष में आ चुका है, जिसमें होमगार्ड जवानों को 774 रुपये प्रतिदिन की दर से भुगतान करने की बात कही गई थी। अगर इस दर से भुगतान किया जाए तो होमगार्ड जवानों को हर महीने करीब 33 हजार रुपये वेतन मिलना चाहिए। लेकिन फिलहाल उन्हें इससे काफी कम वेतन मिल रहा है और सरकार ने इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। होमगार्ड जवानों का कहना है कि वे दिन-रात पुलिसकर्मियों के साथ काम करते हैं, लेकिन उन्हें उस अनुपात में वेतन और सुविधाएं नहीं मिलती हैं।

‘छुट्टी की सुविधा नहीं, बीमारी की स्थिति में वेतन की गारंटी नहीं’ :

प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार होमगार्ड जवानों को किसी तरह की छुट्टी (सीएल) का लाभ नहीं देती है। अगर वे बीमार पड़ जाते हैं और ड्यूटी पर नहीं जा पाते हैं, तो उनका वेतन काट लिया जाता है। होमगार्ड जवान नंद किशोर ठाकुर ने कहा कि कम वेतन के कारण उनका परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। उन्हें अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ता है और कई बार घर खर्च के लिए कर्ज लेना पड़ता है।

ड्यूटी नहीं मिलने पर आर्थिक संकट :

होमगार्ड जवानों ने यह भी कहा कि उनकी ड्यूटी रोस्टर सिस्टम के आधार पर लगाई जाती है। अगर किसी कर्मी का नाम रोस्टर से हट जाता है, तो उसे उस दिन की ड्यूटी नहीं मिलती और वेतन भी काट लिया जाता है। कई बार तो 10 दिनों तक ड्यूटी नहीं दी जाती, जिससे आर्थिक संकट बढ़ जाता है।

आधे जवान ड्यूटी पर, आधे प्रदर्शन में शामिल :

होमगार्ड वाहिनी के जवान बिहार के थानों और अन्य सरकारी विभागों में ड्यूटी करते हैं। हालांकि, 50 फीसदी जवान अपने हक की लड़ाई के लिए प्रदर्शन में शामिल हुए हैं, जबकि 50 फीसदी जवान अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार जल्द ही उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो वे आगे और भी उग्र आंदोलन करेंगे। फिलहाल प्रशासन प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर उन्हें समझाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन होमगार्ड जवान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।

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