अजातशत्रु किला मैदान खुदाई देख दंग हुए ईएसी-पीएम सदस्य संजीव सान्याल

EAC-PM member Sanjeev Sanyal was stunned to see the excavation of Ajatashatru Fort ground
EAC-PM member Sanjeev Sanyal was stunned to see the excavation of Ajatashatru Fort ground

राजगीर (नालंदा दर्पण)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार परिषद के प्रमुख सदस्य और प्रख्यात इतिहासकार संजीव सान्याल ने बिहार के ऐतिहासिक नगर राजगीर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय का अवलोकन किया। जहां उन्होंने पदाधिकारियों, शोधकर्ताओं और छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर विश्वविद्यालय की शोध परियोजनाओं और शिक्षण पद्धतियों पर चर्चा की।

इसके बाद संजीव सान्याल अजातशत्रु किला मैदान पहुंचे, जहां इन दिनों पुरातात्विक खुदाई का कार्य चल रहा है। उन्होंने पुरातत्वविदों और संबंधित अधिकारियों से खुदाई की प्रगति पर विस्तृत जानकारी ली। बताया गया कि खुदाई के दौरान प्राचीन राजवंशीय काल से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण अवशेष मिले हैं। उनमें पत्थर के टुकड़े, मिट्टी और धातु के बर्तन, खंडित मूर्तियां, दीप-स्तंभ, मिट्टी के कमंडल, टोटीदार पात्र, हाथी दांत से बनी कलाकृतियां और आभूषण आदि शामिल हैं।

संजीव सान्याल ने इन ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन पर विशेष जोर देते हुए कहा कि बिहार की ऐतिहासिक विरासत भारत की संस्कृति और सभ्यता का अभिन्न हिस्सा है, जिसे सहेजने की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि राजगीर और नालंदा जैसे स्थानों को वैश्विक पर्यटन और शोध केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, जिससे यहां की ऐतिहासिक धरोहरों को नई पहचान मिले और पर्यटन को बढ़ावा मिले।

गौरतलब है कि संजीव सान्याल न केवल एक अर्थशास्त्री हैं, बल्कि वे भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक धरोहरों के अध्ययन के लिए भी जाने जाते हैं। वे ‘दि ओशन ऑफ़ चर्न: हाउ ह्यूमन हिस्ट्री इज शेप्ड बाय द सी’ और ‘इंडियाज़ इन्क्रेडिबल हिस्ट्री’ जैसी कई बेस्टसेलर पुस्तकों के लेखक हैं।

इसके अलावा वे पुणे स्थित गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स के चांसलर भी हैं। उनके इस दौरे को बिहार के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

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