असफलता से डरने के बजाय खुद पर विश्वास रख आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए : डीएम 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

सदर प्रखंड के कृतपुरा एस एस कॉन्वेंट स्कूल के 15वें वार्षिकोत्सव पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डीएम अंशुल अग्रवाल उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई। पूरे आयोजन में सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करने वाले कार्यक्रम ‘राम सिया राम’, ‘अपना बिहार’ और ‘आईगिरी नंदिनी’ मंत्र पर प्रस्तुत बंगाली पारंपरिक नृत्य रहे। ‘अपना बिहार’ नृत्य-संगीत प्रस्तुति ने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत किया, जबकि ‘राम सिया राम’ की भक्ति भावना से ओतप्रोत प्रस्तुति ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।

‘आईगिरी नंदिनी’ नृत्य ने खींचा विशेष ध्यान

कार्यक्रम में बंगाली पारंपरिक नृत्य पर आधारित ‘आईगिरी नंदिनी’ मंत्र की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। माँ दुर्गा की शक्ति और स्त्री सशक्तिकरण को दर्शाते इस अद्भुत नृत्य ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। पारंपरिक परिधान में सज छात्रा ने भावपूर्ण मुद्राओं और लयबद्ध नृत्य से कार्यक्रम को विशेष ऊँचाई दी। उपस्थित दर्शकों ने इस प्रस्तुति पर तालियों की गड़गड़ाहट से अपनी प्रशंसा जाहिर की।

जिलाधिकारी ने बच्चों को आत्मविश्वास बनाए रखने की दी सीख

मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्री अंशुल अग्रवाल ने अपने संबोधन में छात्रों के सांस्कृतिक और रचनात्मक दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने अपने जन्मस्थान कोटा, राजस्थान का उदाहरण देते हुए वहाँ की मानसिक स्थिति से गुजरने वाले छात्रों द्वारा उठाए जाने वाले गलत कदमों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हर छात्र अद्वितीय होता है और उसमें कुछ न कुछ विशेष होता है। असफलता से डरने के बजाय हमें खुद पर विश्वास रखना चाहिए और आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।” उन्होंने एस एस कॉन्वेंट स्कूल के विद्यार्थियों की रचनात्मकता और कला के प्रति झुकाव को देखते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है और वे सही दिशा में आगे बढ़ते हैं।

प्रधानाध्यापक और निदेशिका ने व्यक्त किए विचार

स्कूल के प्रधानाध्यापक त्रिलोचन कुमार ने 15वें स्थापना दिवस की सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा, “एस एस कॉन्वेंट स्कूल सिर्फ एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि संस्कारों की पाठशाला है। यहाँ शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों को भी महत्व दिया जाता है। बच्चों ने आज जिस तरह अपनी कला और संस्कृति को प्रस्तुत किया, वह सराहनीय है।” उन्होंने सभी शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया। वहीं, स्कूल की निदेशिका वंदना राय ने कहा, “हर बच्चा अपने आप में एक अनमोल रत्न है। शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसमें कला, संस्कार और सामाजिक चेतना का समावेश भी जरूरी है। आज के इस कार्यक्रम ने साबित कर दिया कि हमारे बच्चे न सिर्फ पढ़ाई में, बल्कि कला और संस्कृति में भी अव्वल हैं।”

छात्रों और शिक्षकों की रही विशेष भागीदारी

कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों में सोनाली कुमारी, संजना कुमारी, साक्षी राय, दिव्यांशु राय, वर्षा कुमारी, सृष्टि केशरी, अभिषेक कुमार, मोनालिका कुमारी, अल्का कुमारी, आर्या, मनीष कुमार, अंकिता ओझा सहित कई छात्र-छात्राएँ शामिल थे।

वहीं, इस शानदार आयोजन की सफलता में शिक्षकों का भी विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम की देखरेख में अजय सिंह, अजीत तिवारी, राजीव सिंह, आयुष गुप्ता, प्रमोद कुमार, जिज्ञासा कुमारी, लालसा मिश्रा, नूतन राय, मोनिका,  संजना कुमारी, अनु कुमारी, निशा कुमारी, नीलम कुमारी, इशरत जहां आदि शिक्षकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम के समापन पर बच्चों ने होली के पारंपरिक गीतों पर रंगारंग नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे पूरे माहौल में उमंग और उत्साह भर गया। स्कूल प्रबंधन समिति ने इस सफल आयोजन पर सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को धन्यवाद देते हुए संकल्प लिया कि आने वाले वर्षों में भी शिक्षा और संस्कार की यह परंपरा और अधिक मजबूती से आगे बढ़ेगी।

 

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