मुंगेर जिले में कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठे हैं। अभी एएसआई संतोष कुमार सिंह की हत्या का मामला पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि रविवार देर रात फिर से एक घटना सामने आई, जिसमें ग्रामीणों ने डायल 112 की पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में एक सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि अन्य पुलिसकर्मियों को भी मामूली चोटें आईं। यह घटना क्षेत्र में बढ़ते अपराध और पुलिस व ग्रामीणों के बीच तनाव को दर्शाती है।
घटना का विवरण
यह घटना हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के खैरा के समीप स्थित फसियाबाद गांव की है। रविवार देर शाम गांव में छिनतई की एक घटना हुई, जिसमें दो युवकों को ग्रामीणों ने रंगे हाथ पकड़ लिया। ग्रामीणों ने इन दोनों युवकों को पकड़कर गांव के पंचायत भवन में बंद कर दिया और तुरंत डायल 112 को सूचना दी। पुलिस की टीम सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची और पकड़े गए युवकों को थाने ले जाने की तैयारी करने लगी।
ग्रामीणों का विरोध
पुलिस की इस कार्रवाई से ग्रामीण नाराज हो गए। उनका कहना था कि इस मामले का निपटारा गांव में ही किया जाए। धीरे-धीरे बहस बढ़ने लगी और पुलिस व ग्रामीणों के बीच विवाद गहराने लगा। देखते ही देखते स्थिति इतनी बिगड़ गई कि ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया।
हमले की स्थिति
बातचीत के दौरान अचानक किसी ने भीड़ में से पत्थर फेंका, जो सीधा डायल 112 के पुलिसकर्मी बबलू रजक के सिर पर जा लगा। इस हमले में उनका सिर फट गया और वे घायल हो गए। इसके बाद भीड़ से लगातार पत्थरबाजी होने लगी, जिससे कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। यह पूरी घटना क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाती है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
इस घटना की सूचना मिलते ही खड़गपुर डीएसपी अनिल कुमार ने सभी थानों को अलर्ट कर दिया और अतिरिक्त पुलिस बल को फसियाबाद गांव भेजा गया। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने स्थिति को नियंत्रित किया और भीड़ के चंगुल से दोनों आरोपियों को छुड़ाकर अपने साथ खड़गपुर थाना ले आई। पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है और दोषियों की पहचान करने में जुटी हुई है।
क्षेत्र में बढ़ता तनाव
यह घटना केवल एक isolated मामला नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि ग्रामीणों और पुलिस के बीच अविश्वास की खाई बढ़ती जा रही है। इससे पहले भी पुलिस पर हमलों की घटनाएं सामने आती रही हैं, जो कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय है। पुलिस प्रशासन के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति है कि वह किस प्रकार ग्रामीणों के बीच विश्वास बहाल करे और अपराध को नियंत्रित करे।