ज्योतिषशास्त्र में शनि ग्रह को विशेष दर्जा दिया गया है। शनिदेव को कर्मदाता, कलयुग का दंडाधिकारी कहा जाता है। नवग्रह में शनि को न्यायाधीश का दर्जा मिला हुआ है। इसके साथ ही शनि मकर राशि और कुम्भ राशि के स्वामी है। शनि सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह है। शनि 29 मार्च 2025 की रात्रि 09:30 मिनट पर देवगुरु की राशि मीन में गोचर करेगे। शनि के मीन राशि में गोचर करने से कुछ राशि से शनि की साढ़ेसाती तथा ढैया समाप्त हो जाएगी। जबकि कुछ राशि को साढ़ेसाती तथा ढैया आरम्भ हो जाएगी।
साल 2025 में इन राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव बनेगा
शनि 30 साल बाद दोबारा से 29 मार्च 2025 को मीन राशि में में प्रवेश करेगे। शनि के मीन राशि में गोचर करने से मेष राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इसके आलावा कुम्भ और मीन राशि राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव जारी रहेगा। कुम्भ राशि वाले को तीसरा तथा मीन राशि पर दूसरा चरण आरंभ होगा। वही 29 मार्च 2025 से धनु राशि और सिंह पर शनि का ढैया का प्रभाव आरम्भ होगा।
ढैया का प्रभाव समाप्त होगा
शनि के गोचर से इन राशि वाले वृश्चिक तथा कर्क राशि वाले को शनि के ढैया का प्रभाव समाप्त होगा। इन दोनो राशि वाले अपने करियर में खुब उन्नति करेगें।
उपाय
प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ में जल में कला तील चावल मिलाकर जल डाले सांध्य में तील के तेल तथा सरसो तेल का दीपक जलाए.
नीलम रत्न को चांदी में बनाकर शनिवार को दाहिने हाथ के मध्यमा ऊंगली में धारण करे.
शनि मंत्र का जाप करे।
8 नम्बर का चपल दान करे.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847