मुजफ्फरपुर, 12 जनवरी, 2025 को रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम, बेला, मुजफ्फरपुर के प्रांगण में 163वीं राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रो. रिपुसूदन प्रसाद श्रीवास्तव ने की। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विक्रम वीरकर आयुक्त नगर निगम मुजफ्फरपुर, विशिष्ट अतिथि प्रो ओ. पी. राय प्राचार्य एल. एस. कॉलेज, मुजफ्फरपुर, आर. वी. मण्डल सहायक महा- प्रबंधक, एन. टी. पी. सी., कांटी, प्रो. अमरेन्द्र ठाकुर, पूर्व प्राचार्य एम. पी. एस. सायंस कॉलेज, मुजफ्फरपुर एवं डॉ० भारती सेहता राजनीति शास्त्र विभाग बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर थे। मुख्य वक्ता डॉ. संजय पंकज हिन्दी के विख्यात कवि एवं पूर्व प्रो. बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर एवं सम्मानित सदस्य प्रो. विजय कुमार जयसवाल पूर्व प्राचार्य डॉ. राम मनोहर लोहिया कॉलेज ने अपना अपना बहुमूल्य समय दिया।
कार्यक्रम की शुरुभात रामकृष्ण मिशन स्टडी सर्कल के सदस्यों ‘द्वारा वैदिक चैटिंग मंत्र पाठएवं होली मिशन और डीएवी बखरी की छात्राओं द्वारा ओपनिंग साँग से किया गया। इस आश्रम के सचिव स्वामी भावात्मानन्दजी महाराज के द्वारा आगत अतिथियों का सम्मान पुष्प गुच्छ पुस्तक एवं स्वामी विवेकानन्दजी की तस्वीर देकर किया गया। तत्पश्चात विषय प्रवेश कराते हुए स्वागत भाषय में स्वामी ने कहा कि इस कार्यक्रम में 26 विद्यालय/महाविद्यालयों मे इंट्रा स्कूल प्रतियोगिता मे करीबन 6000 बच्चों ने ने भाग लिया। जिसमे चयनित प्रथम, द्वितीय, तृतीय व सांत्वना प्राप्त 1500 बच्चों ने इंटर स्कूल प्रतियोगिता में 244 छात्र/छात्राओं का चयन प्रथम द्वितीय तृतीय एवं एवं सांत्वना पुरस्कार के लिए किया गया जिन्हें आज राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर पुरस्कृत किया जायगा। विदित हो की प्रतियोगिताएँ 9 विद्यांओं में आयोजित की गई थी। यह राष्ट्रीय युवा विक्स हमारे नौनिहालों के लिए प्रेरणादायी है।
मुख्य अतिथि नगर आयुक्त विक्रम वीरकर ने कहा कि सोना की तरह निखरना है तो सोने की तरह तपना होगा। जीवन मे संघर्ष करने वाले को सफलता जरूर मिलती है लेकिन उसकी निरंतरता को बनाये रखने के लिए पारिवारिक सहयोग की आवश्यकता होती है। विशिष्ट अतिथि डॉ. भारती सेहता ने कहा कि विकसित भारत के चार पिलर है। जिसमें युवा को प्रमुख माना गया है। यदि भारत को विकसित भारत बनाना है तो युवाओं को आगे आना होगा। सफलता के लिए एक समय मे एक ही लक्ष्य पर फोकस करना होगा। आगे बढ़ने के लिय स्वामी विवेकानंद जी के संघर्षमय जीवन से सीख लेनी होगी। श्री आर. बी. मण्डल नेयुवाओं के नयाभारत बनाने के लिए बढ़चढ़कर भागीदारी देने की आवश्यकता बतलायी। प्रो. अमेरन्द्र ठाकुर ने कहा कि भारत का विश्व में लोहा स्वामीजी ने जिसके माध्यम से मनवाया वह है -वेदान्त। जीवन के उत्तम ज्ञान की प्राप्ति के लिए वेदान्त उपनिषद और गीता का अध्ययन जरूरी है। श्री हीमांशु पांडेय प्राचार्य डीएवी, मालीघाट ने कहा कि शिक्षा का ही प्रभाव है जिसमे इतना समाज में बदलाव दिख रहा है। इसलिय अभिभावकों को चाहिए कि यदि विकसित भारत बनाना है तो हम बच्चों को प्रेरित करते रहे। प्रो. ओ.पी. राय ने कहा कि अगर विकसित भारत बनाना है तो हमें बच्चों को स्वामी विवेकानंद कि तरह तैयार करना होगा।
मुख्य वक्ता प्रो. संजय पंकज ने कहा कि संघर्ष ही जीवन है। स्वामी जी को भी अपने जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ा था। संकल्प के साथ किया गया कार्य निश्चित्त अपने जीवन में सफलता देता है। स्वामी विवेकानंद के जीवन में श्री रामकृष्ण परमहंस प्रकाश की तरह मार्ग प्रसस्त करते रहे। स्वामी जी हर व्यक्ति की आँख में विराट रूप देखना चाहते हैं। स्वामी विवेकानन्द से युवकों को प्रेरणा मिलती है। स्वामी जी का विचार अनु-करणीय है जो जीवन को सफल बनाता है।
अध्यक्षीय भषण प्रो. रिपुसूदन प्रसाद श्रीवास्तव ने इस अवसर पर सभी युवाओं को स्वामीजी कि जीवन से प्रेरणा लेने की बात बतलायी। विजेता बच्चों को बधाई के साथ-साथ उपस्थित लोगों को शुभकामनाएँ दी। 244 विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया गया। इसी बीच ब्रहमचारी भूमाचैतन्य महाराज ने भजन एवं डीएवी, मालीघाट के बच्चों ने क्लोसिंग सॉन्ग प्रस्तुत किया। मंच संचलन केशव कुमार एवं कार्यक्रम कि ज़िम्मेदारी स्वामी लीलामयनन्द महाराज की देखरेख में सम्पन्न हुआ।
विवेकानंद स्टडि सर्किल के श्री विजय कुमार, कामेश्वर सिंह, देवेंद्र पांडेय, रंजन कुमार, महाशंकर प्रसाद, जयनारायण सिंह, विक्रम कुमार, सीमा सरकार, राजीव कुमार, अंजनी कुमार तथा आश्रम के विभिन्न स्वयंसेवेकों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया।