मुंगेर: प्रेम विवाह से नाराज पिता ने बनवाया बेटी का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र, अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रही दफ्तरों के चक्कर

प्रेम विवाह समाज में आम हो चला है, लेकिन कई परिवारों में इसे अब भी स्वीकृति नहीं मिलती। बिहार के मुंगेर जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां प्रेम विवाह करने पर एक पिता ने अपनी ही बेटी का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा दिया। अब बेटी अपने पति के साथ नगर परिषद कार्यालय के चक्कर काट रही है ताकि खुद को जिंदा साबित कर सके।

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने का मामला आया सामने

मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर नगर परिषद में एक जीवित महिला के नाम पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का मामला सामने आया है। इस मामले ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। 20 वर्षीय संजना बिंद, जो अपने पति के साथ दिल्ली में रह रही थी, अचानक अपने ही मृत होने की खबर से स्तब्ध रह गई।

बेटी के प्रेम विवाह से नाराज पिता ने उठाया यह कदम

महकोला गांव निवासी सत्तन बिंद की पुत्री संजना बिंद और आनंद कुमार के बीच प्रेम संबंध था। आनंद कुमार, जो कि 27 वर्षीय युवक है, दिल्ली में कार्यरत था। दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा और 27 अक्टूबर 2024 को संजना ने घर छोड़ दिया। अगले ही दिन, 28 अक्टूबर 2024 को, दोनों ने दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में शादी कर ली। इस शादी से संजना के पिता सत्तन बिंद बेहद नाराज हो गए और बेटी को अपनाने से इनकार कर दिया। क्रोध में आकर उन्होंने एक चौंकाने वाला कदम उठाया और अपनी ही बेटी को मृत घोषित करवाने की साजिश रच डाली।

कैसे बना फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

सत्तन बिंद ने हवेली खड़गपुर नगर परिषद में अपनी पुत्री संजना के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया। नगर परिषद कार्यालय ने बिना किसी उचित जांच-पड़ताल के 16 नवंबर 2024 को संजना का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इस पूरे मामले में जन्म-मृत्यु निबंधन कार्यालय की संदिग्ध भूमिका भी सामने आ रही है।

जब सोशल मीडिया पर देखा अपना मृत्यु प्रमाण पत्र

कुछ ही महीनों बाद, जब संजना और उसके पति आनंद को सोशल मीडिया पर उसकी मौत की खबर दिखी, तो वे हैरान रह गए। संजना ने देखा कि उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है और लोग उसे मृत मान चुके हैं। यह देख संजना तुरंत दिल्ली से अपने पति के साथ मुंगेर के हवेली खड़गपुर नगर परिषद पहुंची।

जिंदा रहने का सबूत देने के लिए लग रहे हैं कार्यालय के चक्कर

अपने ही मृत्यु प्रमाण पत्र को रद्द करवाने और खुद को जीवित साबित करने के लिए संजना और आनंद लगातार नगर परिषद का चक्कर लगा रहे हैं। जब उन्होंने नगर परिषद से जवाब मांगा, तो उन्हें पता चला कि यह प्रमाण पत्र संजना के पिता द्वारा फर्जीवाड़े के तहत बनवाया गया है।

प्रशासन से लगाई न्याय की गुहार

अपनी पहचान और अस्तित्व को साबित करने के लिए संजना ने हवेली खड़गपुर अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) राजीव रौशन को लिखित शिकायत दी है। संजना ने अपने पिता सत्तन बिंद पर आरोप लगाया है कि उन्होंने नगर परिषद के कर्मचारियों के साथ मिलकर साजिश रचते हुए यह फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया है।

प्रशासन करेगा कार्रवाई

हवेली खड़गपुर अनुमंडल पदाधिकारी राजीव रौशन ने संजना की शिकायत पर संज्ञान लिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने पर हो सकती है कानूनी कार्रवाई

भारतीय कानून के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को गलत तरीके से मृत घोषित करवाना एक गंभीर अपराध है। ऐसे मामलों में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और मानसिक प्रताड़ना देने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया जा सकता है। यदि इस मामले में संजना के पिता दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें कड़ी सजा मिल सकती है।

समाज के लिए एक सीख

यह घटना समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि माता-पिता को अपनी संतान के फैसलों का सम्मान करना चाहिए। प्रेम विवाह किसी की जिंदगी बर्बाद करने का कारण नहीं होना चाहिए। इस घटना से यह भी सीख मिलती है कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और सतर्कता जरूरी है ताकि इस तरह की धोखाधड़ी रोकी जा सके।

न्याय की उम्मीद में संजना और आनंद

संजना और आनंद फिलहाल प्रशासन से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वे चाहते हैं कि संजना का मृत्यु प्रमाण पत्र तुरंत रद्द किया जाए और उसके पिता पर कानूनी कार्रवाई हो। अब देखना यह है कि प्रशासन कितनी जल्दी इस मामले में उचित कार्रवाई करता है

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