ट्रैफिक पुलिस को भी मिला कागजात जांच का पावर, गाड़ी निकालने से पहले सभी पेपर कर लें दुरुस्त,

बिहार में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए परिवहन विभाग ने महत्पूर्ण फैसला लिया गया है। अब ट्रैफिक पुलिस भी गाड़ियों के पेपर की जांच कर सकेंगे। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को वाहनों के सभी तरह के दस्तावेज के साथ इनके परमिट की जांच का अधिकार मिल गया है। अब बगैर वैध कागजात के गाड़ियों का परिचालन मुश्किल होगा। ट्रैफिक पुलिस की जांच में पकड़े जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी।खासतौर से परमिट की जांच का अधिकारी मिलने का सबसे ज्यादा फायदा शहरों में चलने वाले यात्रियों को ढोने वाले वाहन ऑटो और हाईवे पर यात्रियों को ढोने वाले बस समेत अन्य बड़े वाहनों की जांच कर समुचित कार्रवाई करने में होगा। पहले ट्रैफिक पुलिस के पास यह अधिकार नही था। गाड़ी मालिक और ड्राइवर इसका गलत फायदा उठाते थे और फेल परमिट पर गाड़ी चलाने से नहीं डरते थे। राज्य सरकार के स्तर से ट्रैफिक पुलिस को यह विशेष अधिकार सौंपने से संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है।

अब से पहले तक सिर्फ परिवहन विभाग के अधिकारियों के पास वाहनों की परमिट समेत अन्य कागजात जांचने का अधिकार था। बिना परमिट वाले वाहनों पर कार्रवाई करने का अधिकार भी एमवीआई (मोटर यान निरीक्षक) समेत अन्य पदाधिकारियों के पास ही हुआ करता था।

  • परमिट की जांच करने पर वाहन और चालकों के खिलाफ हो सकेगी कार्रवाई
  • पहले सिर्फ परिवहन विभाग के पास था कार्रवाई करने का अधिकार
  • यातायात पुलिस को विशेष अधिकार सौंपने से संबंधित आदेश किया गया जारी

शहरों, खासकर पटना में जाम की मुख्य वजह बेतरतीब तरीके से चलने वाले तीन पहिया वाहन ऑटो या टुकटुक हैं। जानकारी के अनुसार, यहां के सभी मार्गों पर 20 से 22 हजार ऑटो के पास ही परमिट है। लेकिन यातायात महकमा की शुरुआती जांच के आंकड़ों के मुताबिक, 1 लाख 32 हजार से अधिक ऑटो एवं टुकटुक वाहन सभी रूटों पर शहर की सड़कों पर दौड़ते रहते हैं। अब तक इनकी समुचित जांच नहीं होने की वजह से ये वाहन बिना किसी अनुमति के दौड़ते रहते हैं। अब ट्रैफिक पुलिस भी इन वाहनों की परमिट की जांच कर इन्हें जब्त करने से लेकर उचित कार्रवाई कर सकेगी।

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