सेन्ट्रल जेल में यूट्यूब और डिजिटल कक्षाओं से कैदी बनेंगे स्मार्ट, रिहाई के बाद करेंगे रोजगार 

डीएम और एसपी ने स्मार्ट क्लास की शुरुआत, कैदियों को मिलेगा बेहतर जीवन का कौशल                      बक्सर खबर। केंद्रीय कारा में पहली बार 16 जनवरी दिन गुरुवार को स्मार्ट क्लास की शुरुआत की गई है, जहां ऑडियो-विजुअल माध्यम से कैदियों को शिक्षा दी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य कैदियों को सशक्त बनाना और उनकी रिहाई के बाद रोजगार एवं बेहतर जीवन जीने में मदद करना है। स्मार्ट क्लास में यूट्यूब और डिजिटल कक्षाओं के जरिए कैदी अपनी शिक्षा और कौशल को उन्नत कर सकेंगे। पहले चरण में 25 कैदियों का चयन किया गया है, जिन्हें बांस उत्पाद और हस्तशिल्प का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, जो कैदी इग्नू या एनआईओएस से पढ़ाई कर रहे हैं, वे संबंधित विषयों को ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से गहराई से समझ सकेंगे।

कारा अधीक्षक ज्ञानिता गौरव ने बताया कि जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के सहयोग से इस परियोजना को शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि जेल में कैदियों के लिए अनुकूल शैक्षणिक माहौल तैयार किया गया है, जिससे वे सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल हो सकें। कैदियों के बनाए उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए ‘मुक्ति आउटलेट’ का निर्माण भी किया जा रहा है। हाल ही में मकर संक्रांति महोत्सव में कैदियों द्वारा तैयार उत्पादों की 14 हजार रुपये की बिक्री हुई, जो इस पहल की सफलता को दर्शाता है। जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल और आरक्षी अधीक्षक शुभम आर्या ने उद्घाटन के दौरान इस पहल को कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का जरिया बताया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रयास न केवल कैदियों के व्यक्तिगत विकास में मददगार होगा, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में भी सहायक साबित होगा।

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