प्रभाष रंजन | दरभंगा | पडरौना | पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, बठिंडा और कुरुक्षेत्र से हरियाणा निर्मित शराब की तस्करी कुशीनगर के रास्ते बिहार के दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे शहरों तक हो रही है। इस तस्करी में स्थानीय तस्करों की मिलीभगत का खुलासा हुआ है, जिसके पुख्ता सबूत पुलिस के हाथ लगे हैं।
हाईवे पर तस्करों की गिरफ्तारी
हाटा कोतवाली क्षेत्र में पुलिस ने हाईवे पर कार्रवाई करते हुए लग्जरी कार से शराब की खेप ले जा रहे हरियाणा के दो तस्करों को गिरफ्तार किया। उनके मोबाइल से कुशीनगर और बिहार के गोपालगंज, सिवान, पश्चिम चंपारण के स्थानीय तस्करों के नंबर बरामद हुए हैं। पुलिस अब इन नंबरों को ट्रेस कर रही है।
तस्करी नेटवर्क में स्थानीय तस्करों की भूमिका
सूत्रों के अनुसार, तस्करी का यह नेटवर्क बाहर से आने वाली शराब को बिहार तक पहुंचाने में स्थानीय तस्करों की मदद लेता है। ये तस्कर लाइनर के तौर पर काम करते हैं और शराब को आसानी से सीमा पार कराने में मदद करते हैं।
“कुशीनगर, गोपालगंज, सिवान और पश्चिम चंपारण जैसे इलाकों के तस्कर सक्रिय हैं। ये दरभंगा और मुजफ्फरपुर तक शराब पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।”
पुलिस की कार्रवाई और जांच
एसपी संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि शराब तस्करों के पास से मिले मोबाइल नंबरों के आधार पर एक गोपनीय जांच चल रही है।
“पुलिस हाईवे और बिहार को जोड़ने वाले रास्तों पर कड़ी नजर रखे हुए है। तस्करी में शामिल सभी आरोपियों को ट्रेस किया जा रहा है। किसी भी हालत में शराब की तस्करी को रोका जाएगा।”
तस्करों की कॉल डिटेल से मिली अहम जानकारी
पिछले एक महीने में गिरफ्तार तस्करों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और पूछताछ से यह बात स्पष्ट हुई है कि यह नेटवर्क बाहरी और स्थानीय तस्करों की मिलीभगत से संचालित हो रहा है। स्थानीय तस्कर सीमावर्ती इलाकों और हाईवे पर तस्करों को सुरक्षित रास्ता मुहैया कराते हैं।
पुलिस ने बनाया जाल
शराब के इस सिंडिकेट को तोड़ने के लिए पुलिस ने हाईवे स्थित सभी थानों को सतर्क कर दिया है। जगह-जगह जांच चौकियां लगाई गई हैं। इसके अलावा सीमावर्ती इलाकों में भी पुलिस सक्रिय है।
निष्कर्ष
हरियाणा से बिहार तक फैले इस तस्करी नेटवर्क में स्थानीय और बाहरी तस्करों की मिलीभगत का खुलासा चिंताजनक है। पुलिस की तेज कार्रवाई और हाईवे पर बढ़ी चौकसी से तस्करी पर अंकुश लगाने की उम्मीद है। हालांकि, यह लड़ाई लंबी और कठिन हो सकती है।