जब 12 लाख तक टैक्स नहीं तो फिर ये टैक्स स्लैब क्यों!

यह सवाल हर आम आदमी की जुबान पर है कि जब बजट 2025-26 में 12 लाख तक की आय टैक्स फ्री है तो सरकार ने ये स्लैब सिस्टम क्यों दिया है. 4 से 8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत, 8 से 12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत का इनकम टैक्स क्यों! आइए समझते हैं इसे आसान भाषा में.

बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के अनुसार अगर आपकी वार्षिक आय 12 लाख रुपए तक है तो आपकी कोई टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन जब आपकी सैलरी 12 लाख रुपए से अधिक हो जाती है तो आपकी इस स्लैब के अनुसार ही अपना टैक्स देना होगा.

जैसे अगर आपकी वार्षिक आय 13 लाख रुपए है तो इसे टैक्स स्लैब के हिसाब से 4 हिस्सों में बांट लेते हैं. पहले चार लाख, दूसरे चार लाख, तीसरे चार लाख और आखिरी में बचा एक लाख. पहले चार लाख रुपए पर कोई टैक्स नहीं है. अब अगले 4 से 8 लाख वाला जो हिस्सा है, उसमें 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा, यानी ये जाएगा 20 हजार रुपए. अब इसके आगे 8 से 12 लाख रुपये वाले हिस्से पर 10 प्रतिशत टैक्स लगेगा. जो करीब 40 हजार रुपए होगा. अब बचे आखिरी के एक लाख रुपए. ये एक लाख रुपए 15 प्रतिशत टैक्स में आएंगे. अब एक लाख का 15 प्रतिशत हुआ 15 हजार रुपए. अब पूरे अमाउंट पर लगने वाले टैक्स को जोड़ दें तो ये जाएगा 75 हजार रुपए. यानी 13 लाख की आय वाले को 75 हजार रुपए टैक्स देना होगा.

इसी फॉर्मूले पर आगे की सैलरी वालों की टैक्स प्रणाली भी काम करेगी. जैसे 14 लाख आय पर 90 हजार रुपये टैक्स, 15 लाख पर 105000 रुपये, 16 लाख पर 1,20,000 रुपये टैक्स बनेगा. पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से 16 लाख रुपये पर 1 लाख 70 हजार रुपये टैक्स देना होता था, लेकिन नए स्लैब के हिसाब से सिर्फ 1,20,000 रुपये टैक्स देना होगा. यानी यहां भी टैक्स पेयर को फायदा होगा.

बहुत लोगों को ये कन्फ्यूजन है कि ये फैसला सिर्फ नौकरीपेशा लोगों के लिए लागू हुआ है, हालांकि सरकार ने बजट में साफ-साफ कहा है चाहे आप नौकरी करते हों, कोई व्यापार करते हों या कोई दुकान चलाते हों, अगर आपकी सालाना आय 12 लाख या उससे कम है, तो आपको इनकम टैक्स देने की कोई ज़रूरत नहीं है. इसमें नौकरीपेशा लोगों के लिए एक एडवांटेज ये है कि उन्हें इस छूट के साथ 75 हज़ार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ मिलता रहेगा. उदाहरण के लिए अगर किसी नौकरीपेशा व्यक्ति की सालाना तनख्वाह 12 लाख 75 हज़ार रुपये है, तो 75 हज़ार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलने से उसकी तन्खवाह 12 लाख हो जाएगी और उसे कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा.

pncb

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