Free Ration Yojana: अगर आप भी केंद्र सरकार की ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (PMGKAY) के तहत मुफ्त राशन लेते हैं तो यह खबर आपके लिए है। जी हां, सरकार के संज्ञान में कई बार आया है कि योजना के तहत अपात्र लोग भी मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं। योजना के तहत आयकर देने वाले या सरकारी नौकरी करने वाले लोग राशन पाने के पात्र नहीं हैं। अब इसे देखते हुए आयकर विभाग ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (पीएमजीकेएवाई) के तहत लाभार्थियों की सूची से अपात्र लोगों को हटाने के लिए खाद्य मंत्रालय के साथ डेटा साझा करेगा।
पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त राशन का लाभ ऐसे गरीब परिवारों को दिया जाता है जो आयकर नहीं देते हैं। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में पीएमजीकेएवाई के लिए 2.03 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 1.97 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। देश में कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक गतिरोध के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) शुरू की गई थी।
जनवरी 2024 से पांच साल के लिए बढ़ाया गया योजना :
बाद में सरकार ने पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त राशन वितरण की सीमा को 1 जनवरी, 2024 से पांच साल के लिए बढ़ा दिया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक कार्यालय आदेश में कहा कि आयकर महानिदेशक (सिस्टम) को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के संयुक्त सचिव को जानकारी देने का अधिकार होगा। डेटा साझा करने की व्यवस्था के अनुसार, डीएफपीडी डीजीएलटी (सिस्टम), नई दिल्ली को आकलन वर्ष के साथ आधार या पैन नंबर प्रदान करेगा।
यदि पैन प्रदान किया जाता है या प्रदान किया गया आधार पैन से जुड़ा होता है, तो डीजीआईटी (सिस्टम) आयकर विभाग के डेटाबेस के अनुसार निर्धारित आय के बारे में डीएफपीडी को जवाब देगा। यदि लाभार्थी का आधार नंबर आयकर डेटाबेस में किसी भी पैन से लिंक नहीं है, तो डीजीआईटी (सिस्टम) डीएफपीडी को सूचित करेगा। इस तरह के उत्तर और सूचना के आदान-प्रदान का तरीका डीजीएलटी (सिस्टम) और डीएफपीडी द्वारा तय किया जाएगा। सूचना प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, डीजीआईटी (सिस्टम) डीएफपीडी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेगा। एमओयू में डेटा के हस्तांतरण का तरीका, गोपनीयता बनाए रखना, डेटा के सुरक्षित संरक्षण के लिए तंत्र, उपयोग के बाद डेटा को हटाना आदि शामिल होंगे।