बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के सुगौली थाना क्षेत्र के मनसिंघा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। चार वर्षीय मासूम मोरेलाल सरस्वती पूजा की प्रतिमा विसर्जन के लिए सिकरहना नदी गया था, जहां वह अवैध शराब से भरे ड्रम में गिरकर डूब गया और उसकी मौत हो गई।
घटना का विवरण:
- समय और स्थान: घटना बुधवार शाम की है, जब मोरेलाल अन्य बच्चों के साथ सरस्वती पूजा की प्रतिमा विसर्जन के लिए सिकरहना नदी गया था।
- अवैध शराब का ड्रम: नदी किनारे अवैध शराब बनाने वाले कारोबारियों ने अर्धनिर्मित शराब से भरे ड्रम को छिपाकर रखा था। उस ड्रम के ऊपर पुआल डालकर उसे छिपाया गया था, ताकि कोई देख न सके।
- मृत्यु का कारण: खेलते-खेलते मोरेलाल उसी ड्रम में गिर गया और डूबने से उसकी मौत हो गई। जब तक अन्य बच्चों ने उसे देखा, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बाद में ग्रामीणों ने ड्रम से मोरेलाल का शव निकाला।
शराबबंदी कानून की विफलता:
इस घटना ने बिहार में लागू शराबबंदी कानून की पोल खोल दी है। राज्य में शराबबंदी लागू होने के बावजूद अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। पुलिस की छापेमारी और शराब माफियाओं की गिरफ्तारी के बावजूद, सुनसान इलाकों और नदी किनारे शराब छिपाने का यह धंधा जारी है।
पुलिस का विवादास्पद रवैया:
घटना के बाद ग्रामीणों ने सुगौली थाना पुलिस को सूचना दी, लेकिन आरोप है कि पुलिस काफी देर बाद मौके पर पहुंची। शुरुआत में सुगौली थानाध्यक्ष ने इस घटना को एक साधारण ड्रम से जुड़ा हादसा बताया, जिसमें पुआल भरा हुआ था, और शराब के कारोबार से इनकार किया। हालांकि, एसपी स्वर्ण प्रभात ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच की पुष्टि की और कहा कि सभी थानों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी।
समाज पर प्रभाव:
यह घटना न केवल एक मासूम की जान का नुकसान है, बल्कि बिहार में शराबबंदी कानून के प्रभावी कार्यान्वयन पर भी सवाल खड़ा करती है। पूरे गांव में इस घटना के बाद मातम पसर गया है और लोग शराब माफियाओं की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
निष्कर्ष:
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शराबबंदी कानून के बावजूद अवैध शराब का कारोबार जारी है, जिससे मासूमों की जान जोखिम में है। संबंधित अधिकारियों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और अवैध शराब के कारोबार पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।