भागलपुर जिले के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। मेगा फूड पार्क का सपना जहां अभी अधूरा है, वहीं अब बागवानी विभाग ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई योजनाएं शुरू करने की तैयारी कर ली है। आम, लीची और केला के बेहतर विपणन और संरक्षण के लिए आम के लिए तीन और लीची व केला के लिए एक-एक पैक हाउस बनाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है। इसके अलावा फलों और सब्जियों की बर्बादी रोकने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की भी योजना बनाई जा रही है।
इससे किसान अपने फलों और सब्जियों का अचार, जैम और अन्य उत्पाद तैयार कर उसका समुचित उपयोग कर सकेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। 9000 हेक्टेयर में आम, 2000 हेक्टेयर में केला और 900 हेक्टेयर में लीची की बागवानी कृषि क्षेत्र में भागलपुर फल उत्पादन का बड़ा केंद्र है, लेकिन अब तक इसका समुचित विपणन और संरक्षण नहीं हो सका है। वर्तमान में 9000 हेक्टेयर में आम की बागवानी, 2000 हेक्टेयर में केला उत्पादन तथा 900 हेक्टेयर में लीची की खेती की जा रही है।
पैक हाउस तथा प्रसंस्करण इकाइयों की कमी के कारण किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। 40 प्रतिशत फल व सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है। इस स्थिति को सुधारने के लिए एकीकृत पैक हाउस बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। उद्यान विभाग ने कृषि मंत्रालय से सब्सिडी राशि में वृद्धि की मांग की है। अभी तक 35 प्रतिशत सब्सिडी मिलने के कारण निवेशक अधिक रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यदि सब्सिडी राशि बढ़ाई जाती है, तो आम, लीची व केला की बेहतर पैकेजिंग व विपणन से किसानों को काफी लाभ होगा। इसके अलावा किसानों को पैकेजिंग सामग्री भी सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराने का सुझाव दिया गया है, ताकि फलों के विपणन में एकरूपता लाई जा सके।