थाइलैंड के बौद्ध पर्यटकों ने ब्लैक बुद्धा को नमन किया, मनोकामना पूर्ण होने की आस्था

सिलाव (नालंदा दर्पण)। बिहार के ऐतिहासिक नालंदा जिले में स्थित ब्लैक बुद्धा मंदिर विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। विशेष रूप से थाइलैंड और अन्य देशों से आने वाले बौद्ध श्रद्धालु यहां भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना करने के लिए जुटते हैं।

इस ऐतिहासिक स्थल की विशेषता यह है कि खुदाई के दौरान यहां से काले रंग की बुद्ध प्रतिमा प्राप्त हुई थी। जिसे अब ‘ब्लैक बुद्धा’ के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर को ‘तेलिया बाबा’ मंदिर भी कहा जाता है। क्योंकि यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर तेल अर्पित करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

थाइलैंड एवं कोलकाता के बौद्ध श्रद्धालुओं की आस्थाः थाइलैंड और कोलकाता से आए बौद्ध धर्मावलंबियों ने ब्लैक बुद्धा की प्रतिमा पर तेल चढ़ाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। उनका मानना है कि यदि नालंदा यात्रा के दौरान इस मंदिर का दर्शन न किया जाए तो यात्रा अधूरी रह जाती है।

ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वः प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के पास स्थित यह मंदिर इतिहास और आस्था का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। बौद्ध धर्मावलंबियों के अनुसार यह स्थान सिद्ध और शक्तिशाली है। यहाँ भगवान बुद्ध को तेल अर्पित करने से मन की हर इच्छा पूरी होती है। यही कारण है कि यहां हर वर्ष हजारों की संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालु आते हैं।

इस मंदिर की आध्यात्मिकता और ऐतिहासिकता इसे नालंदा का एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल बनाती है। नालंदा आने वाले हर बौद्ध अनुयायी के लिए यह मंदिर आस्था और श्रद्धा का प्रतीक बना हुआ है।

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