दरभंगा | कुशेश्वरस्थान | सरकारी विद्यालयों में उपस्थिति की सच्चाई एक बार फिर सामने आई है। बीडीओ अशोक कुमार जिज्ञासु ने प्राथमिक विद्यालय छोटकी कोनिया और प्राथमिक विद्यालय कोला का औचक निरीक्षण किया, जिसमें हाजिरी और वास्तविक उपस्थिति में भारी अंतर पाया गया।
छोटकी कोनिया विद्यालय में क्या मिली गड़बड़ी?
📌 कक्षा 1: 43 नामांकित, हाजिरी 32, लेकिन सिर्फ 11 छात्र उपस्थित
📌 कक्षा 2: 41 नामांकित, हाजिरी 33, पर सिर्फ 6 छात्र मौजूद
📌 कक्षा 3: 74 नामांकित, हाजिरी 47, लेकिन सिर्फ 7 छात्र उपस्थित
📌 कक्षा 4: 44 नामांकित, हाजिरी 28, पर सिर्फ 8 छात्र दिखे
📌 कक्षा 5: 45 नामांकित, हाजिरी 26, जबकि केवल 5 छात्र कक्षा में मौजूद
प्राथमिक विद्यालय कोला की स्थिति भी चिंताजनक
📌 यहां कक्षा 1 से 5 तक कुल 289 छात्र नामांकित हैं।
📌 96 छात्रों की हाजिरी दर्ज थी, लेकिन सिर्फ 49 छात्र उपस्थित मिले।
📌 हाजिरी और वास्तविक उपस्थिति में बड़ी विसंगति सामने आई।
प्रधानाध्यापकों को फटकार, होगी कार्रवाई
👨🏫 बीडीओ अशोक कुमार जिज्ञासु ने प्रधानाध्यापकों से इस लापरवाही पर जवाब मांगा।
⚠️ पूछताछ के दौरान प्रधानाध्यापक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
📜 बीडीओ ने कहा कि इस गड़बड़ी की रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेजी जाएगी और आवश्यक कार्रवाई होगी।
सरकारी स्कूलों में उपस्थिति घोटाले का यह पहला मामला नहीं
📌 इससे पहले भी बिहार के विभिन्न जिलों में फर्जी उपस्थिति के मामले सामने आते रहे हैं।
📌 कई विद्यालयों में छात्रों की हाजिरी बनाई जाती है, लेकिन वे स्कूल आते ही नहीं।
📌 बिहार सरकार ने विद्यालयों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन ये निरीक्षण बताते हैं कि अभी भी स्थिति सुधारने की जरूरत है।
क्या हो सकते हैं सुधार के उपाय?
✅ बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जाए।
✅ मिड-डे मील के लिए स्कूली उपस्थिति की कड़ी निगरानी हो।
✅ विद्यालयों में औचक निरीक्षण नियमित रूप से किए जाएं।
✅ लापरवाह शिक्षकों और अधिकारियों पर कार्रवाई हो।