दरभंगा में Private Schools के खिलाफ DPO की कड़ी कार्रवाई, कार्यप्रणाली पर सवाल, 128 Principals से मांगा स्पष्टीकरण, ULTIMATUM

दरभंगा। सर्व शिक्षा अभियान के तहत गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों का मुफ्त नामांकन कराने में आनाकानी कर रहे निजी स्कूलों के खिलाफ डीपीओ मुस्तफा जमाल ने कड़ा रुख अपनाया है। जिलास्तरीय बैठकों के बावजूद जब निजी स्कूलों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला, तो डीपीओ ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए प्रखंड स्तर पर समीक्षा बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया।


डीपीओ की नई पहल

  1. बैठक का आदेश:
    डीईओ को निर्देश दिया गया है कि 10 जनवरी को प्रखंड स्तर पर निजी विद्यालयों के साथ बैठक आयोजित करें और 11 जनवरी तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
  2. एजेंडा:
    • ज्ञानदीप पोर्टल पर इनटेक क्षमता अपलोडिंग:
      जिन विद्यालयों ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है, उनकी पहचान।
    • यूडायस कोड और क्यूआर कोड स्टेटस:
      जिन स्कूलों को केवल यूडायस कोड मिला है, लेकिन क्यूआर कोड नहीं, उन्हें पोर्टल पर आवेदन करने का निर्देश।
    • ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर आधार सीडिंग:
      अब तक 11,000 बच्चों की आधार सीडिंग नहीं हो पाई है।
  3. अपार आईडी जनरेट करने का लक्ष्य:
    सभी बच्चों को 12 अंकों की यूनिक अपार आईडी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने का आदेश।

अनुपालन न करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई

डीपीओ ने स्पष्ट किया कि दोहरा नामांकन रोकने के लिए आधार अपलोडिंग और अपार आईडी आवश्यक हैं। इसके बावजूद रुचि नहीं दिखाने वाले विद्यालयों की समेकित सूची तैयार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


खेल प्रतिभा खोज अभियान पर असंतोष

  1. 128 प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण तलब:
    • ठंड के बावजूद खेल प्रतिभा खोज अभियान के लिए प्रतिभागियों के निबंधन में लापरवाही बरती जा रही है।
    • 128 विद्यालय ऐसे हैं, जहां से एक भी छात्र का निबंधन नहीं हुआ।
  2. डीपीओ का निर्देश:
    • सभी प्रधानाध्यापकों और प्रभारी प्रधानाध्यापकों को 24 घंटे में संतोषजनक उत्तर देने का आदेश।
    • उत्तर संतोषजनक न होने पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

डीपीओ का कड़ा संदेश

डीपीओ ने कहा कि सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य है। जो भी विद्यालय या प्रधानाध्यापक लापरवाही करेंगे, उनके खिलाफ सख्त अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक होगा।

निष्कर्ष:
सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और शिक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए प्रशासन का यह कड़ा कदम सराहनीय है। इससे निजी स्कूलों और शिक्षकों में उत्तरदायित्व बढ़ेगा।

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