दरभंगा | जिले के सदर प्रखंड के कशी गाँव की रहने वाली पुतुल देवी की ज़िंदगी संघर्षों से भरी रही। शुरुआती कुछ सालों तक उनकी शादीशुदा ज़िंदगी सामान्य रही, लेकिन जब उनके पति शराब के आदी हो गए और मानसिक रूप से बीमार पड़ गए, तो हालात बिगड़ने लगे।
“रख हौसला वो मंजर भी आएगा, प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा…”
उन्होंने रांची तक जाकर इलाज करवाने की कोशिश की, लेकिन चार साल तक इलाज के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। इस कठिन परिस्थिति में पुतुल देवी को अपने परिवार की पूरी जिम्मेदारी अकेले उठानी पड़ी।
सतत जीविकोपार्जन योजना से मिली आर्थिक मदद
परिवार चलाने के संघर्ष में लगी पुतुल देवी का चयन सतत जीविकोपार्जन योजना (SJY) के तहत नवंबर 2020 में किया गया। यह योजना बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वपूर्ण सामाजिक पहल है, जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना है।
🔹 इस योजना के तहत ₹60,000 से ₹1,00,000 तक की सहायता राशि दी जाती है।
🔹 लाभार्थी इस राशि से दूध उत्पादन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन और अन्य कृषि व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
🔹 योजना विशेष रूप से उन परिवारों को सहायता प्रदान करती है, जो शराबबंदी के कारण बेरोजगार हो गए थे।
” चलो खुद को साबित करते हैं, मुश्किलों से अब न डरते हैं “
जीविका की मदद से बदली किस्मत
फरवरी 2021 में बिहार जीविका के सूरज ग्राम संगठन के माध्यम से पुतुल देवी को श्रृंगार की दुकान खोलने में मदद मिली। उनकी मेहनत रंग लाई और धीरे-धीरे आमदनी में वृद्धि होने लगी।
🔹 अपनी बचत से उन्होंने गाय पालन और फिर बकरी पालन भी शुरू किया।
🔹 आज उनकी कुल संपत्ति ₹50,000 तक पहुँच चुकी है।
🔹 उनकी मासिक आमदनी ₹9,000 तक हो गई है, जो लगातार बढ़ रही है।
🔹 अब वे अपने तीनों बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रही हैं।
” मुसीबतों से भाग जाना आसान होता है, हर मुश्किल ज़िंदगी में एक इम्तिहान होता है “
सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाया
पुतुल देवी ने सरकार की विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ उठाया, जिनमें शामिल हैं:
✅ राशन कार्ड – मुफ्त या सस्ते दर पर खाद्यान्न।
✅ प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) – ₹2 लाख का जीवन बीमा।
✅ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) – दुर्घटना बीमा।
✅ स्वच्छ भारत मिशन – शौचालय निर्माण की सहायता।
✅ बैंक खाता खोलकर वित्तीय समावेशन में शामिल हुईं।
” हर दर्द सह कर जो मुस्कुराए, वो ही असली ज़िंदगी जी पाए “
महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं पुतुल देवी

आज पुतुल देवी आत्मनिर्भर बन चुकी हैं और गाँव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी कहानी यह साबित करती है कि यदि सही योजना और मेहनत से कदम बढ़ाया जाए, तो कोई भी विपरीत परिस्थितियों से जीत सकता है।
” जो अपनी तकदीर खुद लिखते हैं, वो किसी के मोहताज नहीं होते “
अब उनका लक्ष्य अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाना है। उनकी मेहनत और सरकार की योजनाओं ने उनके जीवन को नए आयाम दिए हैं।