इंडिया गेट का नाम बदलने की मांग: बीजेपी नेता ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

बीजेपी के वरिष्ठ नेता जमाल सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इंडिया गेट का नाम बदलने की मांग की है। उनका सुझाव है कि इस ऐतिहासिक स्मारक का नाम भारतीय संस्कृति और वीरता को सम्मान देने के लिए ‘भारत द्वार’ रखा जाए।

क्या है मांग?

  1. नाम बदलने का कारण:
    • सिद्दीकी ने कहा कि “इंडिया गेट” का नाम औपनिवेशिक युग की निशानी है और इसे भारतीय पहचान के अनुरूप बदलने की आवश्यकता है।
    • उनका कहना है कि नया नाम भारतीय मूल्यों और इतिहास का प्रतिनिधित्व करेगा।
  2. नया नाम:
    • उन्होंने प्रस्ताव दिया कि इसे ‘भारत द्वार’ या किसी भारतीय वीर के नाम पर रखा जाए।
    • यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को समर्पित हो सकता है।

सियासी बवाल

  • विपक्षी दलों ने इस मांग को लेकर आलोचना की है।
  • कांग्रेस और अन्य पार्टियों का कहना है कि यह मुद्दा जनता को भटकाने की कोशिश है।
  • कुछ नेताओं ने इसे अनावश्यक विवाद बताया।

इंडिया गेट का ऐतिहासिक महत्व

  1. स्थापना:
    • 1931 में ब्रिटिश शासन के दौरान निर्मित।
  2. समर्पण:
    • यह स्मारक भारतीय सेना के उन सैनिकों की याद में बनाया गया था, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे अफगान युद्ध में अपने प्राण त्यागे।
  3. अमर जवान ज्योति:
    • 1971 में भारत-पाक युद्ध के बाद यहां अमर जवान ज्योति को जोड़ा गया, जो शहीद सैनिकों की स्मृति में जलती रहती थी।

सरकार का रुख

  • अब तक इस पर सरकार की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
  • इस तरह के बदलावों को लेकर केंद्र सरकार ने पहले भी कई ऐतिहासिक स्थलों के नाम बदले हैं, जैसे:
    • राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया गया।

जनता की राय

  • सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
  • कुछ लोग इसे भारतीय संस्कृति का सम्मान मान रहे हैं, तो कुछ इसे ऐतिहासिक विरासत से छेड़छाड़ बता रहे हैं।

निष्कर्ष

इंडिया गेट का नाम बदलने की मांग ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बहस छेड़ दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या वाकई इंडिया गेट का नाम इतिहास में दर्ज एक नए अध्याय के साथ बदल दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *