पटना | प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत राशि लेने के बावजूद मकान नहीं बनाने वाले डेढ़ लाख से अधिक लाभार्थियों को बिहार सरकार ने नोटिस जारी किया है। इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने निर्माण कार्य शुरू किया लेकिन अधूरा छोड़ दिया।
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कड़े निर्देश: 19,495 लोगों पर दर्ज हुआ सर्टिफिकेट केस
➡ ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने विधानसभा में बताया कि
✅ 82,441 लाभार्थियों को ‘व्हाइट नोटिस’ जारी किया गया, जो विभागीय कार्रवाई से पहले की चेतावनी होती है।
✅ 67,733 लाभार्थियों को ‘रेड नोटिस’ दिया गया, जिसका मतलब है कि यदि मकान नहीं बने तो कड़ी कार्रवाई होगी।
✅ 19,495 लाभार्थियों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज किया गया, क्योंकि सरकार ने सभी किस्तें जारी कर दी थीं, लेकिन मकान नहीं बने।
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योजना के तहत कितनी राशि मिलती है?
🔹 मैदानी क्षेत्रों में: ₹1.20 लाख (तीन किस्तों में)
🔹 पहाड़ी/दुर्गम क्षेत्रों में: ₹1.30 लाख
🔹 60% राशि केंद्र सरकार और 40% राज्य सरकार वहन करती है।
सरकार की सख्त चेतावनी
➡ मंत्री ने स्पष्ट किया कि बार-बार नोटिस के बावजूद अगर मकान नहीं बनाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
➡ सरकारी धन का दुरुपयोग रोकने के लिए विभाग सख्त कदम उठा रहा है।
➡ यदि रेड नोटिस के बाद भी निर्माण नहीं होता, तो सर्टिफिकेट केस दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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PMAY-G का मकसद ग्रामीण गरीबों को पक्के मकान उपलब्ध कराना है, लेकिन राशि मिलने के बाद भी मकान नहीं बनाने वालों पर अब सरकार सख्त हो रही है।