सहरसा / दरभंगा | होली के उल्लास में डूबे सहरसा – दरभंगा के युवाओं ने अनोखे अंदाज में कीचड़ – धूल से खेली होली। सहरसा-दरभंगा और सहरसा-सुपौल मुख्य मार्ग पर युवाओं की टोली ने परंपरागत तरीके से रंगों की जगह कीचड़ और धूल उड़ाकर जश्न मनाया।
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बुरा न मानो होली है
➡ सुबह से ही शहर में युवाओं की टोलियां सड़कों पर उतरीं और पोखरों, नदियों और तालाबों के किनारे इकट्ठा होकर एक-दूसरे पर कीचड़ फेंकने लगे।
➡ युवाओं ने राहगीरों को भी ‘बुरा न मानो होली है’ के नारे लगाते हुए उत्सव में शामिल किया।
➡ कुछ ने विरोध जताया, लेकिन हंसी-मजाक के माहौल में सभी रंगों में सराबोर हो गए।
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होली है…
✅ ‘होली है’ के नारों के साथ लोग एक-दूसरे को गले लगाते और अबीर-गुलाल लगाते दिखे।
✅ पारंपरिक मटकी फोड़ प्रतियोगिता और ढोल-नगाड़ों की धुन से माहौल और भी खुशनुमा बन गया।
✅ स्थानीय लोग और दुकानदारों ने भी युवाओं के उत्साह को देखते हुए खुद को रंगने से नहीं रोका।
युवाओं की मस्ती ने इस पर्व को यादगार बना दिया।
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