Bihar Teacher Transfer: 1,90,332 आवेदनों में शिक्षकों की पसंद और स्कूल की जरूरत में संतुलन, DEO सॉफ्टवेयर से होगी प्रक्रिया

दरभंगा | बिहार में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के विशेष आधार पर तबादलों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शहरी क्षेत्रों में पोस्टिंग की बढ़ती मांग और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी ने शिक्षा विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।


सबसे अधिक आवेदन दरभंगा और समस्तीपुर से

  • दरभंगा से 12,000 से अधिक और समस्तीपुर से 10,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
  • पटना से केवल 5,920 आवेदन आए, जिनमें से अधिकांश जिले के भीतर स्थानांतरण के लिए थे।
  • कुल 1,90,332 आवेदनों में से 15% आवेदन सिर्फ दरभंगा, समस्तीपुर और पटना जिलों से हैं।

शहरी क्षेत्रों की प्राथमिकता

  • अधिकांश शिक्षकों ने शहरी या शहरी क्षेत्रों के पास तबादलों के लिए आवेदन किया है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पसंदीदा स्थान चुनने वाले शिक्षकों की संख्या बहुत कम है।
  • बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से चयनित TRT-1 और TRT-2 के शिक्षक, जिनकी पोस्टिंग ग्रामीण क्षेत्रों में की गई थी, भी शहरी क्षेत्रों में स्थानांतरण चाहते हैं।

तबादले के लिए प्रमुख कारण

  • 35% शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किया है।
  • इनमें से 85% शिक्षकों ने वर्तमान पोस्टिंग के स्थान की दूरी को मुख्य कारण बताया है।
  • अन्य कारणों में पारिवारिक समस्याएं, स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे, और बच्चों की पढ़ाई का हवाला दिया गया है।

रिक्त पदों की जानकारी मांगी गई

शिक्षा विभाग ने तबादलों को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) से स्कूल-वार रिक्त पदों की जानकारी मांगी है।

  • सेवानिवृत्त शिक्षकों और अन्य कारणों से हाल ही में रिक्त हुए पदों का विवरण देने को कहा गया है।
  • TR-3 के तहत नव-नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति के लिए रिक्त पदों की सही जानकारी आवश्यक है।

तबादले की प्रक्रिया

  • तबादलों की प्रक्रिया DEO सॉफ्टवेयर के जरिए होगी।
  • शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि शिक्षक की पसंद और स्कूल की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाना प्राथमिकता होगी।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापना के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाएंगे ताकि वहां शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सके।

शिक्षा विभाग के सामने चुनौतियां

  1. शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों की अधिक मांग और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी।
  2. न्यायसंगत और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत तबादलों का प्रबंधन।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों में पोस्टिंग के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित करना
  4. रिक्त पदों की सही गणना और उनकी पूर्ति।

निष्कर्ष

शिक्षकों के तबादलों की यह प्रक्रिया बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षण गुणवत्ता को बेहतर बनाने और शिक्षकों की पसंद व आवश्यकता के बीच संतुलन साधने का एक प्रयास है। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर करना शिक्षा विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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