दरभंगा, देशज टाइम्स: Darbhanga में 100 करोड़ के Silo Project पर बड़ा खुलासा…जबर्दस्ती जमीन कब्जा, झूठे वादे, फर्जी मुकदमे, Dr. Mashkoor Usmani का Adani Group पर बड़ा हमला, हो SIT Investigation|
आधुनिक रेल लिंक्ड साइलो को लेकर गंभीर आरोप
दरभंगा जिला कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में जाले विधानसभा के पूर्व महागठबंधन प्रत्याशी डॉ. मशकूर उस्मानी ने अडानी एग्रो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड की ओर से 100 करोड़ की लागत से निर्मित आधुनिक रेल लिंक्ड साइलो को लेकर गंभीर आरोप लगाए।
डॉ. मशकूर उस्मानी ने कहा, हो SIT से जांच
उन्होंने दस्तावेजी सबूतों के साथ यह दावा किया कि इस परियोजना में किसानों के अधिकारों का हनन किया गया, जमीन का अवैध अधिग्रहण, सरकारी भूमि पर कब्जा, राजस्व चोरी, और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर वित्तीय अनियमितताएँ हुई हैं।
किसानों के साथ धोखाधड़ी और भूमि अधिग्रहण में अनियमितता
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जाले, सहसपुर, जोगियारा और खेसर गांव के किसानों की जमीन बिचौलियों द्वारा औने-पौने दाम पर खरीदी गई और बाद में ऊंची कीमत पर अडानी ग्रुप को बेची गई।
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किसानों से बिना उचित मुआवजा और सहमति के जबरन भूमि अधिग्रहण किया गया।
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नौकरी देने का झूठा वादा किया गया, जो आज तक पूरा नहीं हुआ।
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विरोध करने वाले किसानों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए और गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।
सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और अवैध खरीद-बिक्री
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सहसपुर (राजस्व थाना नं. 05, खाता-813, खेसरा नं. 1901) की सरकारी जमीन वेदांसा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने अवैध रूप से अपने नाम करवा ली और फिर अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड को बेच दी।
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जाले (खेसरा नंबर 4405) की सरकारी जमीन पर बिना NOC के रेल ट्रैक और सड़क का निर्माण किया गया, जो बिहार पब्लिक लैंड एन्क्रॉचमेंट एक्ट, 1956 का उल्लंघन है।
राजस्व चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
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Prvs. Infrastructure Pvt. Ltd. ने 1235 डीसमिल जमीन मात्र 5.64 करोड़ में खरीदी, लेकिन बाद में 20.50 करोड़ में अडानी ग्रुप को बेच दी, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग और बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम, 1988 के उल्लंघन की पुष्टि होती है।
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इस लेन-देन में काले धन के उपयोग और राजस्व चोरी की आशंका जताई गई है।
प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप
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दरभंगा के पूर्व अंचलाधिकारी अनिल मिश्रा ने सरकारी भूमि का अवैध दाखिल-खारिज किया, जो बिहार भूमि सुधार अधिनियम, 1950 के तहत अवैध है।
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लोक शिकायत कार्यालय में दर्ज शिकायतों के बावजूद जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
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अपर समाहर्ता ने पूरे मामले को एक वर्ष तक दबाए रखा, जिसके बाद सचिव के आदेश पर अडानी की जमाबंदी रद्द की गई।
डॉ. मशकूर उस्मानी ने की SIT जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग
प्रेस वार्ता के दौरान डॉ. मशकूर उस्मानी ने निम्नलिखित मांगें रखीं:
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SIT (विशेष जांच दल) गठित कर पूरे घोटाले की निष्पक्ष जांच की जाए।
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सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कर सरकार के नियंत्रण में लिया जाए।
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अडानी ग्रुप, संबंधित कंपनियों, बिचौलियों और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए।
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किसानों को उनकी जमीन का वास्तविक मूल्य दिलाया जाए।
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बिहार पब्लिक लैंड एन्क्रॉचमेंट एक्ट, 1956 के तहत अवैध अतिक्रमण हटाया जाए।
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किसानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दर्ज फर्जी मुकदमे तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएं।
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राजस्व चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग से कराई जाए।
इस प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी मो. असलम, डिप्टी मेयर नाजिया हसन, जिला उपाध्यक्ष जीवन झा, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सरफराज अनवर, रघुवंश कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।