Darbhanga देगा चमकी को धमकी…कैसे? खिलाओ, जगाओ, अस्पताल ले जाओ

दरभंगा, देशज टाइम्स। जिलाधिकारी राजीव रौशन के निर्देशानुसार अपर समाहर्ता (विधि व्यवस्था) राकेश रंजन की अध्यक्षता में मस्तिष्क ज्वर (AES/JE) की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय बैठक का आयोजन समाहरणालय परिसर स्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में किया गया। बैठक में चिकित्सा एवं जिला स्तरीय पदाधिकारियों ने भाग लिया।

AES/JE रोकथाम के लिए निर्देश एवं तैयारियां

  • “चमकी को धमकी” अभियान के तहत व्यापक जागरूकता अभियान

  • प्रखंड स्तरीय बैठकों में आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण

  • स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर प्रचार-प्रसार

  • समर्पित कंट्रोल रूम की स्थापना

  • जागरूकता रथ और माइकिंग के माध्यम से प्रचार

  • मुजफ्फरपुर से सटे क्षेत्रों (जाले, सिंहवाड़ा) में विशेष सतर्कता

“चमकी को धमकी” अभियान के तीन मुख्य चरण

  1. खिलाओ: बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना और मीठा खिलाएं।

  2. जगाओ: सुबह उठते ही देखें कि बच्चा बेहोश तो नहीं या उसे चमकी तो नहीं आ रही।

  3. अस्पताल ले जाओ: चमकी के लक्षण दिखते ही तुरंत आशा/ANM को सूचित कर अस्पताल ले जाएं।

मस्तिष्क ज्वर के प्रमुख लक्षण

तेज बुखार और सिरदर्द
अर्द्ध चेतना, भ्रम, पहचानने में असमर्थता
हाथ-पैर में कंपन या पूरे शरीर में झटके (चमकी आना)
लकवा मारना, अंगों का अकड़ जाना
मानसिक और शारीरिक संतुलन बिगड़ना

बचाव एवं सावधानियां

बच्चों को तेज धूप से बचाएं, दिन में दो बार स्नान कराएं।
ओआरएस, नींबू-पानी-चीनी का घोल पिलाएं।
तेज बुखार होने पर ताजे पानी से शरीर पोछें और पंखा चलाएं।
बेहोशी या चमकी की स्थिति में बच्चे को छायादार स्थान पर लिटाएं, गर्दन सीधी रखें।
मुंह से लार या झाग आने पर साफ कपड़े से पोछें।
तेज रोशनी से बचाने के लिए आंखों को कपड़े से ढकें।

क्या न करें

बच्चे को गर्म कपड़ों में न लपेटें।
नाक बंद न करें, बेहोशी में कुछ भी न खिलाएं।
ओझा-गुनी के चक्कर में समय न गवाएं, तुरंत अस्पताल ले जाएं।
मरीज के पास शोर न करें, उसे शांत वातावरण दें।

जिला प्रशासन की तैयारियां

104 आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी
102 एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध
AES/JE रोगियों के लिए अलग बेड की व्यवस्था
AES/JE की 28 आवश्यक दवाएं और 14 आवश्यक उपकरण उपलब्ध
94 वाहन मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से टैग किए गए
सभी PHC/CHC में नियंत्रण कक्ष स्थापित

प्रमुख अधिकारी उपस्थित

इस बैठक में सिविल सर्जन डॉ. अरुण कुमार, उप निदेशक (जनसंपर्क) सत्येंद्र प्रसाद, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार मिश्रा, DPO-ICDS चांदनी सिंह, DPM-हेल्थ शैलेश चंद्र समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।

जिलावासियों से अपील: इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए बचाव के उपाय अपनाएं, जागरूक रहें और संदिग्ध लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाएं।

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