Heist Plan Failed: बिहार में Loot की फिल्मी साजिश, Delivery Boy और Manager की ‘दोस्ती’ पड़ी भारी, 1.30 लाख लूट का ‘Master Plan’ फेल, जानिए फ़िल्मी कहानी

Heist Plan Failed: बिहार में Loot की फिल्मी साजिश, Delivery Boy और Manager की ‘दोस्ती’ पड़ी भारी, 1.30 लाख लूट का ‘Master Plan’ फेल, जानिए फ़िल्मी कहानी … @ई कॉम एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों ने कंपनी की राशि हड़पने के लिए लूट (Loot) की साजिश रच डाली। साजिश के तहत पुलिस में 1.30 लाख रुपये की लूट की झूठी शिकायत भी की गई। लेकिन, पूछताछ में कर्मचारियों के अलग-अलग बयानों से शक गहरा गया और सच्चाई सामने आ गई। अंततः पुलिस ने लूट की रकम भी बरामद कर ली और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मामला नरपतगंज थाना क्षेत्र (Narpatganj Police Station) का है।


लूट का नाटक रचकर खुद ही फंस गए आरोपी

फारबिसगंज एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा ने जानकारी दी कि 5 अप्रैल को नरपतगंज थाना में मनीष कुमार यादव, पिता वीरेंद्र प्रसाद यादव, निवासी पजरकट्टा, ने आवेदन दिया।

उन्होंने खुद को ई कॉम एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (Ecom Express Pvt. Ltd.) में डिलीवरी बॉय (Delivery Boy) बताया और दावा किया कि वह जोगबनी से फारबिसगंज कलेक्शन का ₹1.30 लाख लेकर जा रहा था। इसी दौरान पलासी मोड़ के पास शाम 7 बजे काली अपाचे बाइक पर सवार तीन अज्ञात बदमाशों ने उसे ओवरटेक कर रुपये लूट लिए।


पुलिस जांच में खुली पोल

एसपी अंजनी कुमार के निर्देश पर एसडीपीओ फारबिसगंज के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। जांच के दौरान:

  • शिकायतकर्ता व अन्य कर्मचारियों से पूछताछ में बयान विरोधाभासी पाए गए।

  • तकनीकी अनुसंधान (Technical Investigation) में भी कई गड़बड़ियां सामने आईं।

  • सख्ती से पूछताछ पर डिलीवरी बॉय ने खुद स्वीकार कर लिया कि मैनेजर और सुपरवाइजर के साथ मिलकर पैसा गबन कर लूट की कहानी गढ़ी थी।

इसके बाद पुलिस ने लूट की पूरी राशि भी बरामद कर ली।


गिरफ्तार हुए ये तीन आरोपी

पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया:

  • मनीष कुमार यादव (25 वर्ष), पिता वीरेंद्र प्रसाद यादव, निवासी पजरकट्टा

  • रवि कुमार (22 वर्ष), पिता सुशील यादव, निवासी गोड़राहा बीबीगंज

  • मनीष कुमार (फारबिसगंज फौजी कॉलोनी, वार्ड संख्या 4)

रवि कुमार और फारबिसगंज के मनीष कुमार के पास से 1.30 लाख रुपये की बरामदगी भी कर ली गई है।


निष्कर्ष

पुलिस की सूझबूझ से एक बड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश हो गया। इस घटना से स्पष्ट है कि साजिश चाहे कितनी भी चालाकी से रची जाए, सच कभी छुप नहीं सकता

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