Madhubani के ग्राम कचहरी का अधिकार क्षेत्र तय, Madhubani के जमीन विवाद पर Patna High Court का ऐतिहासिक फैसला

Madhubani के ग्राम कचहरी का अधिकार क्षेत्र तय, Madhubani के जमीन विवाद पर Patna High Court का ऐतिहासिक फैसला। पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने ग्राम कचहरी द्वारा ‘स्वामित्व और शीर्षक’ विवादों के निपटारे को अधिकार क्षेत्र से बाहर बताते हुए तीन मामलों पर रोक लगा दी है। अदालत ने मधुबनी के रामपट्टी स्थित ग्राम कचहरी के 8 मार्च 2022 और 16 मार्च 2024 के आदेशों को रद्द कर दिया है।

चार्ट से जानें कैसे ग्राम कचहरी को लगा बड़ा झटका 

क्रम संख्या विवरण
1 कोर्ट – पटना हाईकोर्ट
2 जज – जस्टिस राजेश कुमार वर्मा
3 स्थान – ग्राम कचहरी, रामपट्टी, मधुबनी
4 ग्राम कचहरी के आदेश – 8 मार्च 2022 और 16 मार्च 2024 के आदेश रद्द
5 अधिकार क्षेत्र – ग्राम कचहरी को केवल 10,000 रु तक के दावे और विभाजन विवादों के निपटारे की अनुमति
6 मूल विवाद – 1.5 धुर जमीन पर अवैध मकान निर्माण और 2.25 धुर भूमि का मौखिक आदान-प्रदान
7 प्रतिवादी – श्रीमंत मिश्रा
8 याचिकाकर्ता की आपत्ति – बिना सुनवाई के आदेश जारी
9 कोर्ट का निष्कर्ष – ग्राम कचहरी का आदेश अवैध और असंवैधानिक

ग्राम कचहरी का आदेश अधिकार क्षेत्र से बाहर

जस्टिस राजेश कुमार वर्मा ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 (Bihar Panchayat Raj Act 2006) की धारा 111 के तहत स्वामित्व (Ownership) और शीर्षक (Title) से संबंधित विवादों का निपटारा ग्राम कचहरी के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

उन्होंने कहा कि अधिनियम की धारा 110 ग्राम कचहरी को केवल दस हजार रुपये तक के वित्तीय दावे और विभाजन (Partition) मामलों तक सीमित अधिकार देती है।

बिना सुनवाई के सुनाया गया था फैसला

मामले में प्रतिवादी श्रीमंत मिश्रा ने 20 सितंबर 2021 को ग्राम कचहरी में आवेदन देकर आरोप लगाया था कि निरंजन मिश्रा ने 1971 के पारिवारिक बंटवारे के बावजूद उनकी 1.5 धुर जमीन पर मकान बना लिया और 2.25 धुर भूमि का मौखिक आदान‑प्रदान कर लिया।

ग्राम कचहरी ने बिना पूरी सुनवाई किए 8,500 रुपये मुआवजा वसूलने और जमीन पर प्रतिवादी का कब्जा बनाए रखने का आदेश दे दिया था।

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि ग्राम कचहरी ने याचिकाकर्ता की दलीलों को सुने बिना ही आदेश पारित कर दिया, जो न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है।

हाईकोर्ट ने आदेश को बताया अवैध और असंवैधानिक

पटना हाईकोर्ट ने कहा कि जब कानून ने किसी प्राधिकरण को अधिकार नहीं दिया, तो वह ऐसे मामलों में कोई निर्णय नहीं कर सकता।

अदालत ने ग्राम कचहरी के दोनों आदेशों को अवैध और असंवैधानिक करार देते हुए उन्हें निरस्त (Quash) कर दिया।

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