Deputy PM? कद में ‘ इजाफा ‘ तय? Nitish Kumar पर BJP का बड़ा दांव, जानिए क्या है पूरा मामला

18 साल से ज्यादा वक्त तक मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले ‘विकास पुरुष’ अब दिल्ली की सत्ता के करीब दिख रहे हैं। बिहार की 12 करोड़+ जनता के सपनों को आकार देने वाले ‘ कुमार ‘ के लिए अब इतिहास रचने का मौका आ सकता है।

2025 विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए (NDA) के भीतर नई बिसात बिछाई जा रही है।
बीजेपी-जेडीयू के बीच बढ़ती नजदीकियों के बीच, अश्विनी चौबे के एक बयान ने इस राजनीतिक स्क्रिप्ट में नया ट्विस्ट जोड़ दिया है।

74 वर्षीय, जिन्होंने 2005 से अब तक बिहार की राजनीति को बार-बार नया मोड़ दिया, आज भी 70% से ज्यादा इलाकों में ‘विश्वसनीयता’ का चेहरा माने जाते हैं।

अब सवाल बड़ा है—

क्या बिहार को मिलेगा जगजीवन राम के बाद दूसरा राष्ट्रीय गौरव?
क्या ‘ कुमार ‘ का ‘विकास मॉडल’ अब पूरे देश की दिशा तय करेगा?

परदे पर नई कहानी तैयार है… और हीरो वही है, जिसने बदलाव की पटकथा लिखी थी—नीतीश कुमार।

भाजपा के पूर्व सांसद अश्विनी चौबे के बयान ने बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को देश का उपप्रधानमंत्री (Deputy Prime Minister) बनाया जाए, तो यह बिहार के लिए गर्व की बात होगी।

भाजपा-जदयू के गठबंधन को लेकर रणनीति तेज

भाजपा (BJP) ने हाल ही में हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में मिली जीत के बाद बिहार में भी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

  • 2025 के विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) के लिए भाजपा और जदयू ने मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

  • भाजपा ने नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता स्वीकार कर लिया है।

नीतीश कुमार की राजनीतिक पकड़ और संगठनात्मक मजबूती बिहार में लगातार बढ़ रही है। उन्होंने सांप्रदायिक राजनीति से दूरी बनाकर खुद को ‘शांति के प्रतीक’ के रूप में स्थापित किया है।

नीतीश कुमार के बढ़ते कद की चर्चा

नीतीश कुमार को ‘विकास पुरुष (Vikas Purush)’ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में उनके उपप्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं की चर्चा तेज हो गई है।
अश्विनी चौबे ने कहा:

  • नीतीश कुमार ने एनडीए (NDA) के संयोजक के रूप में अहम भूमिका निभाई है।

  • उनका राष्ट्रीय राजनीति में अनुभव काबिल-ए-तारीफ है।

  • यदि उन्हें उपप्रधानमंत्री बनाया गया, तो यह बिहार को जगजीवन राम के बाद एक और गौरव दिलाएगा।

भाजपा की रणनीति या संकेत?

अश्विनी चौबे के बयान को भाजपा की रणनीतिक चाल के तौर पर भी देखा जा रहा है।

  • बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।

  • भाजपा अध्यक्ष ने हाल ही में एनडीए सहयोगियों के साथ बैठक की थी।

  • अमित शाह ने भी बिहार दौरे के दौरान सीएम नीतीश कुमार समेत अन्य नेताओं के साथ बैठक की थी।

इससे साफ है कि भाजपा नीतीश कुमार की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में सोच रही है।

पप्पू यादव के सवाल पर जवाब

इससे पहले पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने सवाल उठाया था कि क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस से ज्यादा क्यों लड़ती हैं, जबकि भाजपा से कम।
इस पर चौबे ने टिप्पणी से बचते हुए कहा,

“ऐसे बहुत सारे लोग होते हैं, जो आते हैं और चले जाते हैं।”

जब पत्रकारों ने पप्पू यादव से इस पर प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने भी वही बात दोहराई।

आगे का रास्ता: क्या नीतीश कुमार को मिलेगा उपप्रधानमंत्री का दर्जा?

फिलहाल नीतीश कुमार को उपप्रधानमंत्री बनाए जाने को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

  • 74 वर्ष की उम्र में नीतीश कुमार कई बार निर्णय लेने में असमंजस में दिखे हैं।

  • बावजूद इसके, उनका राजनीतिक कद अब भी बिहार की राजनीति में अत्यंत प्रभावशाली है।

देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस संकेत को वास्तविकता में बदलती है या यह केवल एक राजनीतिक संदेश भर था।

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