पटना | बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री (Former Union Minister) पशुपति कुमार पारस ने रविवार को पटना के बापू सभागार (Bapu Sabhagar) में आयोजित अम्बेडकर जयंती कार्यक्रम (Ambedkar Jayanti Event) के दौरान एनडीए (NDA) से सभी रिश्ते खत्म (Breaking Ties) करने की घोषणा कर दी।
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अपनी पार्टी और संगठन को मजबूत करने पर देंगे जोर
पारस ने मंच से ऐलान किया कि अब उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) अपना संगठन मजबूत करने पर ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि,
“जहां हमें सम्मान मिलेगा, हम वहीं जाएंगे।”
पारस ने एनडीए सरकार को दलित विरोधी (Anti-Dalit) और भ्रष्टाचार में लिप्त (Corrupt) करार दिया।
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वक्फ बिल का किया विरोध, बाबा साहब के विचारों का किया स्मरण
अपने संबोधन में पशुपति पारस ने वक्फ बिल (Waqf Bill) को मुसलमानों के साथ अन्याय बताया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) प्रदान किए हैं, और वक्फ बिल उनके विचारों के खिलाफ है। इसके साथ ही पारस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को भारत रत्न (Bharat Ratna) देने की भी मांग की।
महागठबंधन में शामिल होने के संकेत?
बताते चलें कि लोकसभा चुनाव 2024 के तहत सीट बंटवारे में उचित सम्मान न मिलने से पारस काफी समय से नाराज चल रहे थे। हाल ही में दही-चूड़ा भोज में वे लालू प्रसाद यादव के आवास पर भी पहुंचे थे, जिससे उनके महागठबंधन (Mahagathbandhan) में शामिल होने की अटकलें लगने लगी थीं। आज के बयान के बाद इन कयासों को और बल मिल गया है।
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