Darbhanga में जिंदा लौटा नाबालिग, बड़ा खुलासा: आखिर… मुआवजा भी मिल गया, अंतिम संस्कार भी हो गया…अब सवाल- मरा कौन?

प्रभास रंजन, दरभंगा, देशज टाइम्स। Darbhanga में जिंदा लौटा नाबालिग, बड़ा खुलासा: आखिर… मुआवजा भी मिल गया, अंतिम संस्कार भी हो गया…अब सवाल- मरा कौन? 

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दरभंगा के मब्बी थाना क्षेत्र के सिमरा नेहाल गांव से लापता नाबालिग युवक गुरुवार को थाने में नहीं, बल्कि न्यायालय में उपस्थित हो गया। इस घटनाक्रम ने पुलिस और परिजनों दोनों को असमंजस में डाल दिया है, क्योंकि परिजनों ने पहले एक घायल युवक को अपने पुत्र के रूप में पहचान कर अंत्येष्टि तक कर दी थी।

पुलिस के लिए बना चुनौतीपूर्ण सवाल: मृत युवक कौन था?

  • पिछले महीने बेंता थाना क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर घायल युवक मिला था।

  • परिजनों ने उस घायल युवक को अपने लापता पुत्र के रूप में पहचान कर लिया था।

  • इलाज के दौरान घायल युवक की मौत हो गई थी और शव का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था।

  • अब असली युवक के जिंदा लौट आने के बाद सवाल उठ रहा है कि मृत युवक कौन था?

पुलिस ने 65 हजार की फिरौती मांगने वाले आरोपी को पकड़ा

  • मब्बी पुलिस ने युवक को छोड़ने के एवज में ₹65,000 की मांग करने वाले राहुल कुमार साह को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

  • परिजनों ने राहुल के मोबाइल ऐप के जरिए ₹5,000 भेजे थे, इसी आधार पर उसे पकड़ा गया।

कैसे जिंदा लौटा नाबालिग?

  • नाबालिग ने बताया कि वह विश्वविद्यालय के मैदान में क्रिकेट खेल रहा था तभी कुछ लोग आए और मुंह पर रूमाल रखकर उसे बेहोश कर नेपाल ले गए।

  • कुछ दिन नेपाल में रहने के बाद वह वहां से भागकर भारत पहुंचा।

  • वीडियो कॉलिंग के जरिए अपने भाई से संपर्क किया और घर वापस आया।

    पिछले महीने बेंता थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार ने…

    पिछले महीने बेंता थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार ने रेलवे ट्रैक पर घायल एक युवक का फोटो वायरल किया था। लापता युवक के परिजन ने घायल युवक को अपना पुत्र समझ कर पहचान कर ली थी। घायल युवक इलाज का इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

    आक्रोशित लोगों का शव के साथ सड़क पर…

    परिजन ने शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव लेकर जैसे हीं घर पहुंचे आक्रोशित लोगों ने शव को सड़क पर रखकर जाम कर दिया था। काफी समझाने बुझाने और कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद जाम हटाया गया था।

एसएसपी ने थानाध्यक्ष को किया था निलंबित

  • मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी जगन्नाथ रेड्डी जलरेड्डी ने तत्कालीन मब्बी थानाध्यक्ष दीपक कुमार को निलंबित कर दिया था।

  • इस घटना में परिजनों को कल्याण विभाग से ₹4,12,600 का मुआवजा मिल चुका है।

    कल्याण विभाग ने भी कर दिया था कल्याण

    कल्याण विभाग की ओर से 04 लाख 12 हजार 600 रुपए मुआवजा के रूप में भुगतान कर चुकी है। वहीं चार्ज सीट जमा होने के बाद नियमानुसार शेष बचे राशि का भुगतान और परिजन को नौकरी मिली बाकी थी। चार्जसीट अब तक जमा नहीं हो पाया था। मब्बी थानाध्यक्ष ने जगदेव राम के आवेदन पर गुमसुदगी का सनहा दर्ज किया था लेकिन घायल अवस्था में एक युवक के मिलने के बाद मामला दर्ज किया था।

    अब सवाल यह उठता है कि

    अब सवाल यह उठता है कि जिस युवक को परिजनों ने अपने बच्चे के रूप में पहचान कर दाह संस्कार सहित सभी हिंदू रीति रिवाज से कर्म किए। आखिर वह युवक कौन था। अब उसकी पहचान कैसे होगी पुलिस के लिए पहेली बनकर रह गया है।

    नाबालिग युवक ने बताया

    नाबालिग युवक ने बताया कि वह विश्वविद्यालय के फील्ड में क्रिकेट खेल रहा था इस दौरान तीन-चार लोग आए और उसके मुंह पर रुमाल रख दिया। उसके बाद उसे कुछ भी नहीं मालूम। कुछ दिन बाद पता चला कि वह नेपाल देश में रह रहा है।

    गिरफ्त से भाग कर भारत के बॉर्डर पर आया

    2 दिन पूर्व हुआ उन लोगों के गिरफ्त से भाग कर भारत के बॉर्डर पर आया और अपने भाई के मोबाइल नंबर पर वीडियो कॉलिंग कर बताया कि वह जिंदा है। जगह के बारे में स्थानीय लोगों से पूछ कर जानकारी दिया। उसका एक भाई नेपाल जाकर घर लाया पुलिस को जानकारी नहीं देखकर कोर्ट में जाकर उपस्थित हो गया। कोर्ट में उसका बयान करवाया गया है। हालांकि पुलिस घायल युवक की पहचान करने वाले भाई सहित माता-पिता पर मामला दर्ज कर सकती है।

आगे की कार्रवाई

  • पुलिस अब घायल युवक की पहचान करने में जुटी है।

  • संभव है कि झूठी पहचान करने पर माता-पिता और भाई के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।

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