Madhubani में बड़ा घोटाला, मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला — कहां ख़र्च हुई कितनी रक़म; तैयार करो पूरा रिपोर्ट

Madhubani में बड़ा घोटाला, मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला — कहां ख़र्च हुई कितनी रक़म; तैयार करो पूरा रिपोर्ट…@शिक्षा विभाग में आधारभूत संरचना विकास के नाम पर खर्च की गई भारी-भरकम राशि में अनियमितताओं का मामला तेजी से उजागर हो रहा है। स्कूलों में बेंच-डेस्क आपूर्ति से लेकर मरम्मत कार्यों तक में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिसे लेकर विभाग ने जांच के आदेश दे दिए हैं।

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RJD नेता तेजस्वी यादव ने #PahalgamTerroristAttack पर कहा —

 

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बेंच-डेस्क आपूर्ति में भारी गड़बड़ी

  • स्कूलों में आपूर्ति किए गए बेंच-डेस्क की गुणवत्ता बेहद खराब पाई गई।

  • कई स्थानों पर बेंच-डेस्क टूटे हुए या मानक से नीचे गुणवत्ता वाले निकले।

  • कुछ स्कूलों में संख्या बढ़ाकर फर्जी बिल बनाकर सरकारी राशि की निकासी की गई।

  • कई मामलों में हेडमास्टर (HM) के फर्जी हस्ताक्षर कर निकासी की गई, जबकि कुछ जगहों पर एचएम की मिलीभगत भी सामने आई है।

  • आपूर्ति की गई संख्या और रिपोर्ट की गई संख्या में भारी अंतर पाया गया।

मरम्मत कार्यों में भी भारी अनियमितता

  • स्कूलों के मरम्मत कार्यों के नाम पर बड़ी रकम खर्च की गई, लेकिन जमीनी हकीकत बेहद खराब है।

  • कई जगहों पर विभागीय कर्मियों के परिजनों को ही संवेदक (Contractor) बनाकर ठेके दे दिए गए।

  • कार्य आवंटन और भुगतान में जांच प्रक्रिया को दरकिनार कर जल्दी भुगतान किया गया।

  • बेंच-डेस्क आपूर्ति में भी बिना उचित सत्यापन के भुगतान किया गया।

सामाजिक संगठनों का विरोध और सरकार की सख्ती

  • डीवाईएफआई (DYFI) और मिथिला मूवमेंट अगेंस्ट करप्शन जैसे संगठनों ने कई बार ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की।

  • मामला विधानसभा में भी उठाया गया, जिसके बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए।

  • शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों ने साफ कर दिया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

  • संगठनों ने मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजकर हस्तक्षेप की मांग की है।

जांच रिपोर्ट का इंतजार

  • डीईओ जावेद आलम ने संगठनों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर जांच टीम का गठन कर दिया है।

  • टीम से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके आधार पर दोषियों पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।

शिक्षा विभाग में सामने आई यह अनियमितता बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। अब देखना यह है कि जांच रिपोर्ट के आने के बाद सरकार किस स्तर पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करती है और सरकारी राशि की रिकवरी सुनिश्चित कर पाती है या नहीं।

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