Revenue Survey Bihar Ranking | भूमि सुधार रैंकिंग में बड़ा उलटफेर, कहां है Darbhanga, Madhubani, Samastipur, जानिए कौन-से जिले हैं टॉप, कौन फिसड्डी! क्योंकि, बिहार सरकार द्वारा भूमि सुधार और राजस्व प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से राज्यभर में विशेष भूमि सर्वेक्षण अभियान तेज़ी से चलाया जा रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा मार्च 2025 की जिलावार भूमि सर्वेक्षण रैंकिंग जारी की गई है। देखें पूरी लिस्ट
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बिहार में मार्च 2025 भूमि सर्वेक्षण रैंकिंग जारी
इस अभियान के अंतर्गत सभी 38 जिलों की मासिक रैंकिंग जारी की जाती है, जिससे यह पता चलता है कि कौन-से जिले इस दिशा में प्रभावी कार्य कर रहे हैं और किन्हें सुधार की आवश्यकता है। जारी लिस्ट के मुताबिक, शेखपुरा जिला ने 87.74 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया है। वहीं, राजधानी पटना 57.93 अंकों के साथ अंतिम स्थान (38वां) पर पहुंच गया है, जो अत्यंत चिंताजनक माना जा रहा है।
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शेखपुरा टॉप पर, पटना फिसड्डी | मार्च रैंकिंग के प्रमुख Highlights
शेखपुरा जिला ने मार्च 2025 की राजस्व रैंकिंग में 87.74 अंक के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वहीं बांका जिला 86.34 अंकों के साथ दूसरे और जहानाबाद 76.80 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा है।
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दरभंगा को मिला 12वां स्थान
दरभंगा जिला, जो पहले बेहतर रैंक में आता था, मार्च 2025 की रैंकिंग में 70.49 अंक लेकर 12वें स्थान पर पहुंच गया है। जबकि सीतामढ़ी 17वें, मधुबनी 18वें और पूर्णिया 20वें स्थान पर हैं।
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इसके विपरीत, पटना जिला, जो राजधानी होने के नाते अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए था, मात्र 57.93 अंक के साथ 38वें (अंतिम) स्थान पर रहा। यह प्रदर्शन शासन और प्रशासन दोनों के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
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रैंकिंग टॉप 10 जिलों की सूची
रैंक | जिला | अंक (100 में से) |
---|---|---|
1 | शेखपुरा | 87.74 |
2 | बांका | 86.34 |
3 | जहानाबाद | 76.80 |
4 | बक्सर | 74.46 |
5 | सुपौल | 73.63 |
6 | कैमूर | 73.28 |
7 | अरवल | 71.99 |
8 | मुजफ्फरपुर | 71.85 |
9 | समस्तीपुर | 70.94 |
10 | नालंदा | 70.67 |
दरभंगा का प्रदर्शन मध्यम, 12वां स्थान मिला
दरभंगा जिले को 70.49 अंक मिले हैं, जिससे यह 12वें स्थान पर रहा। हालाँकि यह शीर्ष 10 में शामिल नहीं हो पाया, लेकिन अन्य जिलों की तुलना में इसकी स्थिति संतोषजनक मानी जा सकती है।
पिछड़ने वाले जिले: पटना सबसे नीचे
रैंक | जिला | अंक |
---|---|---|
34 | खगड़िया | 59.14 |
35 | पश्चिमी चंपारण | 59.09 |
36 | लखीसराय | 58.68 |
37 | गया | 58.39 |
38 | पटना | 57.93 |
पटना का प्रदर्शन सबसे निराशाजनक रहा है। पर्याप्त संसाधनों और प्रशासनिक क्षमता के बावजूद यह जिला सबसे फिसड्डी रहा, जिससे सरकारी योजनाओं की क्रियान्वयन क्षमता पर सवाल उठते हैं।
रैंकिंग तय करने के मानक (Ranking Parameters)
राजस्व विभाग द्वारा जिलों का मूल्यांकन 100 अंकों के स्केल पर किया गया, जिसमें निम्नलिखित मानक शामिल हैं:
-
दाखिल-खारिज का पर्यवेक्षण – 25 अंक|परिमार्जन प्लस का पर्यवेक्षण – 25 अंक|अभियान बसेरा-2 – 20 अंक| आधार सीडिंग – 5 अंक| ADM और DCLR कोर्ट कार्य – 5 अंक| ई-मापी कार्य – 10 अंक| DM कोर्ट से जुड़े कार्य – 10 अंक|
भूमि सर्वेक्षण क्यों है ज़रूरी?
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भूमि विवादों की रोकथाम| स्वामित्व की स्पष्टता, राजस्व संग्रहण में पारदर्शिता, नवीन भूमि रिकॉर्ड का निर्माण, ई-गवर्नेंस को बढ़ावा।
कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
राजस्व विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो जिले लगातार कमजोर प्रदर्शन कर रहे हैं, उन पर विभागीय सख्ती की जाएगी। अधिकारियों की समीक्षा और जवाबदेही तय की जा रही है।
रैंकिंग प्रणाली: सुधार की दिशा में पारदर्शी प्रयास
यह रैंकिंग प्रणाली न केवल पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करती है, बल्कि एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल भी बनाती है। इससे स्थानीय प्रशासन को प्रदर्शन सुधारने की प्रेरणा मिलती है और आम जनता को भूमि अधिकारों के बेहतर समाधान मिलते हैं।
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