बिहार में भ्रष्टाचार (Corruption in Bihar) के खिलाफ निगरानी विभाग (Vigilance Department) की कार्रवाई जारी है। ताज़ा मामले में मोतीहारी के योजना एवं विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार को ₹2 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है।
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भुगतान के बदले मांगी थी रिश्वत
जानकारी के अनुसार, अभियंता एक परियोजना के भुगतान (Project Payment Clearance) के एवज में पीड़ित पक्ष से ₹2 लाख की रिश्वत मांग रहे थे।
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पीड़ित ने निगरानी विभाग को सूचना दी। इसके बाद सोमवार सुबह एक योजनाबद्ध कार्रवाई में अभियंता को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। पूरी रिश्वत राशि जब्त कर ली गई है।
दफ्तर में ही हुई गिरफ्तारी, कर्मचारियों में हड़कंप
गिरफ्तारी उस वक्त हुई जब अजय कुमार अपने कार्यालय में कर्मचारियों की मौजूदगी में रिश्वत ले रहे थे, जिससे पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। यह मामला विभागीय गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। गिरफ्तारी के बाद उनसे पूछताछ जारी है।
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चल-अचल संपत्तियों की होगी जांच
निगरानी विभाग को शक है कि यह मामला सिर्फ एक रिश्वत तक सीमित नहीं है। अब उनके संपत्तियों की जांच की जा रही है। विभाग को उम्मीद है कि अन्य घोटालों की परतें भी खुल सकती हैं।
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निगरानी की कार्रवाई से सरकारी अमले में हलचल
बिहार में 2025 की शुरुआत से ही निगरानी विभाग द्वारा कई बड़े अधिकारी भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अजय कुमार की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि सरकार भ्रष्टाचार को लेकर सख्त रुख अपना चुकी है।
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