पटना HC का DGP को साफ निर्देश मिला है। एक हफ्ते में गिरफ्तार कीजिए आरोपी DSP और बॉडीगार्ड को। पूछा, क्या अफसर कानून से ऊपर हैं? हाईकोर्ट के तीखे सवाल और DSP पर गिरफ्तारी के शिकंजा से सासाराम फायरिंग केस में बड़ा आदेश आया है। कोर्ट की सख्ती के बाद अब DSP आदिल बिलाल की गिरफ्तारी तय है।
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RJD नेता तेजस्वी यादव ने #PahalgamTerroristAttack पर कहा —
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फायरिंग में युवक की मौत, हाईकोर्ट ने पुलिस पर उठाए तीखे सवाल?
बिहार में कानून व्यवस्था (Law and Order in Bihar) की स्थिति पर फिर सवाल उठते हुए, पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सासाराम फायरिंग कांड में डीएसपी आदिल बिलाल और उनके बॉडीगार्ड चंद्रमौली नागिया की गिरफ्तारी का सप्ताह भर में आदेश दिया है। अदालत ने इस मामले में पुलिस की लापरवाही और जांच में देरी को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है।
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क्या है पूरा मामला?
यह मामला 27 दिसंबर 2024 की रात का है, जब सासाराम के टाउन थाना क्षेत्र में कुछ युवक जन्मदिन मना रहे थे।
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तभी वहां पहुंचे तत्कालीन ट्रैफिक डीएसपी आदिल बिलाल और उनके बॉडीगार्ड चंद्रमौली नागिया ने कथित रूप से अपनी सर्विस रिवॉल्वर से अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में चार युवक घायल हो गए थे और एक की मौके पर ही मौत हो गई थी। पीड़ितों का आरोप है कि बिना किसी उकसावे के फायरिंग की गई।
चार महीने में भी नहीं हुई गिरफ्तारी, कोर्ट सख्त
घटना के चार महीने बीत जाने के बावजूद दोनों आरोपी अब तक गिरफ्तार नहीं किए गए, जिससे स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। इस संबंध में राहुल रंजन नामक याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए पूछा,
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“क्या कानून सिर्फ आम लोगों के लिए है? क्या अधिकारी कानून से ऊपर हैं?”
जांच को सीआईडी को सौंपना भी सवालों के घेरे में
कोर्ट ने स्पष्ट कहा: जानबूझकर मामले की जांच सीआईडी को सौंपकर कार्रवाई में देरी की जा रही है। इससे लगता है कि अधिकारियों को बचाने की कोशिश हो रही है।
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DGP को व्यक्तिगत रूप से निगरानी का आदेश
बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) को इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराने का जिम्मा दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि अगर एक सप्ताह में गिरफ्तारी नहीं हुई, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई की तारीख 5 मई 2025 तय की गई है।
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