Malaysia के जोहोर(Johor) स्थित तियानहौ मंदिर (Tianhou Temple) ने एक अनोखी पहल करते हुए दुनिया की पहली AI आधारित समुद्री देवी “माज़ू (Mazu)” की डिजिटल मूर्ति लॉन्च की है। यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से संचालित देवी न केवल भक्तों से संवाद करती है, बल्कि उनके व्यक्तिगत प्रश्नों का उत्तर देने, भविष्यवाणियाँ करने और आशीर्वाद देने की क्षमता भी रखती है। यह कदम आस्था और तकनीक के संगम का बेहतरीन उदाहरण है, जो धार्मिक अनुभवों को एक नवीन डिजिटल आयाम प्रदान करता है।
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क्या है AI Mazu?
AI माज़ू (AI Mazu) एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संचालित डिजिटल मूर्ति है, जो चीनी समुद्री देवी माज़ू (Mazu) का आधुनिक संस्करण है। यह दुनिया की पहली AI आधारित माज़ू मूर्ति होने का दावा करती है, जिसे मलेशिया के जोहोर स्थित तियानहौ मंदिर (Tianhou Temple, Johor, Malaysia) ने स्थापित किया है।
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AI माज़ू स्क्रीन पर प्रदर्शित होती है, जहाँ देवी को एक पारंपरिक चीनी परिधान में सुंदर महिला के रूप में दर्शाया गया है। यह मूर्ति भक्तों से संवाद करती है, प्रश्नों का उत्तर देती है और भविष्यवाणियाँ भी करती है।
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मंदिर ने कैसे किया इसका निर्माण?
AI माज़ू का विकास मलेशियाई टेक्नोलॉजी कंपनी Aimazin ने किया है, जो AI क्लोनिंग सेवाएं भी प्रदान करती है। यह कंपनी व्यक्तिगत और धार्मिक AI मॉडल बनाने में माहिर है।
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कंपनी के संस्थापक शिन कॉन्ग (Shin Kong) ने एक वीडियो डेमो में दिखाया कि किस तरह AI माज़ू से संवाद किया जा सकता है। उन्होंने पूछा –
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“क्या मुझे आकस्मिक सौभाग्य (पियान छाई युन – 偏财运) प्राप्त हो सकता है?“
AI माज़ू ने उत्तर भी दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह बुद्धिमत्ता-आधारित प्रणाली भक्तों के प्रश्न समझने और उसका उत्तर देने में सक्षम है।
AI माज़ू से भक्त क्या-क्या पूछ सकते हैं?
भक्तगण इस डिजिटल देवी से निम्नलिखित विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं:
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भविष्य की भविष्यवाणी (Fortune Prediction)
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किस्मत की झलकियाँ (Luck Readings)
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व्यक्तिगत प्रश्नों के उत्तर (Personal Queries)
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आशीर्वाद की मांग (Blessings & Guidance)
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भाग्य की छड़ी की व्याख्या (Fortune Stick Interpretation)
यह पहल परंपरा और तकनीक के संगम का अद्भुत उदाहरण है। मंदिर प्रशासन का मानना है कि यह आधुनिक युवाओं को धार्मिक आस्था से जोड़ने का नया तरीका हो सकता है।
AI और धर्म का मिलन: एक आधुनिक प्रयोग
जहाँ एक ओर AI का उपयोग स्वास्थ्य, व्यापार और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में हो रहा है, वहीं अब इसका विस्तार आध्यात्मिक क्षेत्र तक हो गया है। यह AI देवी न केवल संवादात्मक है बल्कि भक्तों को एक निजी अनुभव भी प्रदान करती है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस प्रकार की पहलें धार्मिक मान्यताओं को डिजिटल रूप में जीवित रखने का एक तरीका बन सकती हैं। साथ ही, इससे ग्लोबल टूरिज्म और AI टेक्नोलॉजी को भी बढ़ावा मिलेगा।
क्या यह भविष्य की पूजा पद्धति है?
AI माज़ू के लॉन्च के साथ ही यह प्रश्न उठने लगा है कि क्या भविष्य में मंदिरों में AI देवी-देवता आम हो जाएंगे? यह परियोजना न केवल तकनीकी प्रगति को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आस्था और नवाचार का समावेश किस हद तक संभव है।
मलेशिया के तियानहौ मंदिर द्वारा प्रस्तुत की गई AI माज़ू मूर्ति एक क्रांतिकारी कदम है, जो तकनीक और श्रद्धा के संगम को एक नया आयाम देती है। यह न केवल दुनिया की पहली AI देवी मूर्ति है, बल्कि यह दर्शाती है कि आस्था और AI मिलकर भी भविष्य गढ़ सकते हैं।
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