ॐ यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात्। आयुष्यमग्र्यं प्रतिमुञ्च शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।। हे पवित्र यज्ञोपवीत, जो प्रजापति से प्राप्त है, तुम मुझे आयु, बल और तेज प्रदान करो। इसी आयु, बल और तेज की धाग में बंधे अठारह बच्चे, जिनका आज शुक्रवार को यज्ञोपवित संस्कार हुआ है।
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जय बाबा केदार..!
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ऐतिहासिक आयोजन, 18 बच्चों ने जनेऊ किया ग्रहण
हनुमाननगर (दरभंगा), देशज टाइम्स संवाददाता के अनुसार, जिले के हनुमाननगर क्षेत्र अंतर्गत भगवती सिंहासनी स्थान, पटोरी में शुक्रवार को सामूहिक उपनयन संस्कार (यज्ञोपवीत संस्कार) का आयोजन हुआ। इस ऐतिहासिक आयोजन में 18 बच्चों ने जनेऊ ग्रहण किया, जो पूरे विधि-विधान और वैदिक रीति से संपन्न कराया गया।
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संस्कार हुआ वैदिक परंपरा के अनुसार
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उपनयन संस्कार को दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से जुड़े पंडित बलराम झा एवं पंडित दिलखुश झा ने वैदिक मंत्रों के साथ संपन्न कराया। 18 बालकों ने अपने आचार्य से विधिवत जनेऊ धारण किया। मातृशक्ति की उपस्थिति में गूंजते मधुर संस्कार गीतों ने माहौल को पवित्र और भावुक बना दिया।
इन बच्चों ने ग्रहण किया जनेऊ संस्कार
उपनयन संस्कार प्राप्त करने वाले प्रमुख बच्चों में शामिल थे: अनमोल कुमार, कार्तिक मिश्रा, अजय कुमार, दिव्यांशु कुमार, अंजेश कुमार, शिवम कुमार, गोविंद कुमार, मोनू कुमार, सोनू कुमार, पुरुषोत्तम ठाकुर, रितेश कुमार, दीपक कुमार, प्रिंस कुमार सहित अन्य।
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हर बच्चे के साथ उनके आचार्य रूप में बड़े बुजुर्ग उपस्थित थे, जिन्होंने पुरोहितों के सहयोग से पूरी प्रक्रिया को सम्पन्न कराया।
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गणमान्य लोगों की रही उपस्थिति
इस सामूहिक उपनयन आयोजन में कई प्रमुख जनप्रतिनिधि व गणमान्य लोग शामिल हुए और बच्चों को आशीर्वाद दिया: समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी। छतौना पंचायत के मुखिया विपिन साह। पटोरी मुखिया माधुरी कुमारी। सरपंच राधेश चौधरी। पूर्व मुखिया विजय चौधरी। कृष्ण कुमार चौधरी। धीरज कुमार बंसी। निर्मल मिश्रा। चितरंजन चौधरी। नवीन चौधरी आदि।
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सामूहिक संस्कार का पहला प्रयास बना मिसाल
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यह पटोरी क्षेत्र में पहली बार हुआ सामूहिक उपनयन संस्कार था। आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और इस सांस्कृतिक पहल के साक्षी बने। इस आयोजन ने सामाजिक एकता, संस्कृति संरक्षण और सनातन मूल्यों के प्रति नई चेतना जगाई।
सफल आयोजन में इनकी रही अहम भूमिका
इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में मनीष कुमार एवं अविनाश कुमार कन्हैया की महती भूमिका रही, जिन्होंने आयोजन की योजना, व्यवस्था और समन्वय को बखूबी संभाला।
उपनयन संस्कार का महत्व
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उपनयन (जनेऊ) संस्कार को हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में एक महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है। यह संस्कार बालक को शिक्षा और जीवन के अनुशासन की ओर अग्रसर करता है। सामूहिक आयोजन से समानता, एकता और संस्कारवाद का संदेश समाज में फैलता है।
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