बिहार में कृषि क्रांति की नई शुरुआत: किसानों को अनुमंडल स्तर पर मिलेगी मिट्टी जांच की सुविधा

बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने राज्य के किसानों के लिए एक बड़ी पहल की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि किसानों को अनुमंडल स्तर पर मिट्टी जांच की सुविधा प्रदान करने और सेवाओं के विकेन्द्रीकरण के उद्देश्य से 11 अनुमंडल स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई है।

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जय बाबा केदार..!

 

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दरभंगा समेत इन जिलों को मिलेगा लाभ

पूर्णिया, सिवान, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, सहरसा, दरभंगा, बक्सर, नालंदा, बेगूसराय व औरंगाबाद का चयन पहले से ही किया जा चुका है। फिलहाल पूसा के डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि में प्रयोगशाला कार्यरत है। अभी राज्य में 38 जिला मुख्यालय में मिट्टी जांच प्रयोगशाला हैं।

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बोधगया, मुंगेर के तारापुर और भागलपुर के नवगछिया में

अनुमंडल स्तर पर गया के बोधगया, मुंगेर के तारापुर और भागलपुर के नवगछिया में मिट्टी जांच प्रयोगशाला पिछले वर्ष स्थापित किए गए हैं। प्रमंडल स्तर पर नौ चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला हैं। तीन रेफरल मिट्टी जांच प्रयोगशाला हैं। अब जिले में 63 मिट्टी जांच प्रयोगशाला हो जाएगी।


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सरल भाषा में मिलेगी जानकारी

मंत्री ने कहा कि किसानों को सरल भाषा में मिट्टी जांच का महत्त्व समझाया जाए, ताकि वे जांच के आधार पर संतुलित उर्वरक का प्रयोग कर सकें। इससे खेती की लागत कम होगी और फसल उत्पादन में वृद्धि होगी।

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मिट्टी जांच से मिलेगा सही उर्वरक उपयोग का मार्गदर्शन

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  • विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मिट्टी की जांच से किसानों को उनकी ज़मीन की उर्वरता का सटीक ज्ञान मिलेगा। इसके आधार पर संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग कर किसान मिट्टी को स्वस्थ रख सकेंगे। फसल की उपज बढ़ा सकेंगे और खेती की लागत भी कम कर पाएंगे।

सभी जिलों व प्रखंडों में उर्वरता मैप लगाने का निर्देश

  • मंत्री ने आदेश दिया कि सभी जिला मुख्यालय और प्रखंड कार्यालयों में उर्वरता मैप लगाए जाएं। जिन क्षेत्रों में जिंक (Zinc) और बोरोन (Boron) की कमी है, वहां के किसानों को इसकी जानकारी दी जाए।

किसानों को दी जाएगी आसान भाषा में जानकारी

  • प्रयोगशालाओं के निरीक्षण के बाद मंत्री ने कहा कि: किसानों को सरल भाषा में मिट्टी जांच के फायदे समझाए जाएं। इससे वे वैज्ञानिक पद्धति से खेती कर उत्पादन और मुनाफा बढ़ा सकेंगे।

बिहार कृषि विभाग की दूरदर्शिता

  • इस पहल से बिहार में कृषि वैज्ञानिकता को बढ़ावा मिलेगा। फसल उत्पादन में गुणवत्ता और प्रदर्शन बेहतर होगा और रासायनिक उर्वरकों के अनियंत्रित उपयोग पर भी रोक लगेगी।

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