Madhubani | मधुबनी जिला अंतर्गत हरलाखी थाना के थानाध्यक्ष जितेन्द्र सहनी को नशीली दवाओं की तस्करी में लिप्त तस्करों से संदिग्ध डीलिंग के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई मधुबनी के पुलिस अधीक्षक (SP) योगेन्द्र कुमार ने 30 अप्रैल 2025 को पिपरौन गांव में हुई मादक पदार्थ बरामदगी और बाद की जांच रिपोर्ट के आधार पर की है।
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बड़ी मात्रा में नशीली दवाएं बरामद
30 अप्रैल को पुलिस ने राहुल सिंह नामक युवक की दुकान पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में 15 बोतल प्रतिबंधित कोडीन युक्त सिरप, 120 नशीली टैबलेट और 24 कैप्सूल जब्त किए गए। पुलिस के पहुंचते ही मुख्य तस्कर मौके से फरार हो गया।
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हरलाखी थानाध्यक्ष पर गंभीर आरोप
इस मामले में हरलाखी थाना में कांड संख्या 106/25 दर्ज किया गया। जांच के दौरान थानाध्यक्ष जितेन्द्र सहनी पर तस्करों को गिरफ्तारी से बचाने और केस की जांच को प्रभावित करने के लिए गोपनीय डीलिंग करने का आरोप सामने आया।
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एसपी योगेन्द्र कुमार को जब इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (डीएसपी) बेनीपट्टी निशिकांत भारती को इस पूरे प्रकरण की गहन जांच का आदेश दिया।
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डीएसपी की रिपोर्ट में मिले पुख्ता साक्ष्य
डीएसपी निशिकांत भारती की जांच में थानाध्यक्ष और अभियुक्त के बीच फोन कॉल और अन्य माध्यमों से अनुचित बातचीत के ठोस प्रमाण मिले। इस रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि थानाध्यक्ष ने अपने पद का दुरुपयोग कर तस्कर की मदद करने का प्रयास किया।
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इस रिपोर्ट के आधार पर एसपी मधुबनी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष जितेन्द्र सहनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और विभागीय जांच का निर्देश भी दिया।
एसपी का कड़ा रुख, शून्य सहिष्णुता की नीति
एसपी योगेन्द्र कुमार ने कहा कि नशे की तस्करी एक गंभीर अपराध है और अगर इसमें किसी पुलिसकर्मी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई बिहार पुलिस की शून्य सहिष्णुता नीति (Zero Tolerance Policy) का हिस्सा है।
हरलाखी थाना अब जांच के घेरे में
थानाध्यक्ष की संदिग्ध भूमिका सामने आने के बाद हरलाखी थाना के अन्य कर्मियों की भी भूमिका की जांच शुरू कर दी गई है। यह देखा जा रहा है कि क्या इस अवैध कारोबार में कोई और कर्मचारी शामिल था।
इस पूरे घटनाक्रम ने जिले में पुलिस प्रशासन की छवि पर सवाल खड़े किए हैं, लेकिन तेजी से की गई कार्रवाई ने आम जनता में भरोसा भी बहाल किया है।
हरलाखी थानाध्यक्ष जितेन्द्र सहनी के निलंबन ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार पुलिस अब अपने ही सिस्टम में मौजूद भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को तैयार है। नशे की तस्करी जैसे अपराधों में पुलिस की भूमिका यदि संदिग्ध पाई जाती है, तो सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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