दरभंगा | बिहार में एक ओर लोग कड़ाके की ठंड का सामना कर रहे हैं, वहीं दरभंगा के किरतपुर प्रखंड में गेहुआं नदी में अचानक आई बाढ़ ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस बाढ़ के कारण झगरूआ, तरवारा, क़ुबौल, ढांगा, तेतरी, भुभौल, जगसो जैसे निचले इलाकों में सैकड़ों एकड़ में लगी गेहूं, मक्का, सरसों और दलहन की फसलें डूबकर नष्ट हो गईं।
हजारों एकड़ फसल बर्बाद
कोसी नदी के पश्चिमी तटबंध और कमला नदी के पूर्वी तटबंध के बीच गुजरने वाली गेहुआं नदी में बाढ़ आने से हजारों एकड़ में लगी रबी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। किसानों का कहना है कि ठंड के मौसम में इस तरह की अप्रत्याशित बाढ़ ने उन्हें भुखमरी के कगार पर ला खड़ा किया है।
ग्रामीण मूर्ति देवी ने बताया,
“कोसी की बाढ़ के बाद कर्ज लेकर गेहूं और मक्का की फसल लगाई थी, लेकिन यह बाढ़ सब कुछ तबाह कर गई। अब स्थिति ऐसी है कि हमारे पास खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा।”
कर्ज में डूबे किसान
ग्रामीण सीता देवी ने कहा,
“दो एकड़ में मक्का की फसल लगाई थी। अब बाढ़ के कारण फसल नष्ट हो गई है। कर्ज चुकाने के लिए शायद जमीन बेचनी पड़ेगी।”
बाढ़ के कारण सैकड़ों किसानों को भुखमरी और कर्ज का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार से मुआवजे की मांग
स्थानीय किसान मूर्ति देवी ने कहा कि अगर सरकार जल्द से जल्द मुआवजा नहीं देती तो किसानों के लिए हालात और बदतर हो जाएंगे।
प्रशासन का बयान
किरतपुर अंचल अधिकारी श्री आशुतोष सनी ने बताया,
“क्षेत्र में बाढ़ से हुई फसल क्षति का मुआयना करने के लिए अधिकारियों को भेजा गया है। सर्वेक्षण के बाद वरीय पदाधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।”
प्रशासन ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें उचित मुआवजा देने की कार्रवाई की जाएगी।
पिछले आपदाओं से उबरने की कोशिश भी हुई विफल
अक्टूबर 2024 में कोसी नदी का तटबंध टूटने से धान की फसल और अनाज नष्ट हो गए थे। अब गेहुआं नदी की बाढ़ ने किसानों की उम्मीदों पर फिर से पानी फेर दिया है।
क्षेत्र में संकट की स्थिति
बाढ़ के कारण किसानों के लिए खाद्य सुरक्षा और कर्ज चुकाने का संकट गहराता जा रहा है। प्रशासन से अपेक्षा है कि वह जल्द से जल्द राहत कार्य शुरू करे ताकि किसानों की स्थिति में सुधार हो सके।