Darbhanga में बनेगा बिहार का सबसे बड़ा तालाब, 156 एकड़… Waah Darbhanga

Darbhanga | दरभंगा में तीन ऐतिहासिक तालाब—हराही, दिग्घी और गंगासागर—को एकीकृत करके प्रदेश का सबसे बड़ा तालाब (करीब 156 एकड़) बनाया जाएगा। यह परियोजना उत्तराखंड की नैनी झील की तरह विकसित होगी, जहां पर्यटकों के लिए वाटर स्पोर्ट्स और अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस पहल से रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।


मुख्य बिंदु:

तीनों तालाबों का ऐतिहासिक महत्व

  1. हराही तालाब: रकबा – 62 बीघा 10 कट्ठा।
  2. दिग्घी तालाब: रकबा – 112 बीघा 10 कट्ठा, क्षेत्रफल में सबसे बड़ा।
  3. गंगासागर तालाब: रकबा – 78 बीघा 2 कट्ठा 10 धूर।
    तीनों तालाबों का कुल रकबा 253 बीघा 2 कट्ठा 10 धूर हो जाएगा। यह तालाब दरभंगा राज के शासनकाल में बनाए गए थे और नहरों के माध्यम से जुड़े हुए हैं।

परियोजना की विशेषताएं

  • अतिक्रमण हटाया जाएगा: तालाब के किनारों पर मौजूद अवैध कब्जे को हटाकर उनकी सफाई की जाएगी।
  • सीवरेज और प्रदूषित जल का डायवर्जन: तालाब में गिरने वाले गंदे पानी और सीवरेज का प्रवाह दूसरी ओर मोड़ा जाएगा।
  • सौंदर्यीकरण:
    • घाट का निर्माण।
    • फूड कोर्ट, नौका विहार (बोटिंग), जेट स्की, और ओपेन जिम।
    • चेंजिंग रूम, शौचालय, और सौर ऊर्जा से संचालित स्ट्रीट लाइट।
    • कियोस्क पार्क और पार्किंग।
  • वाटर स्पोर्ट्स: गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सुविधाओं का निर्माण।

आर्थिक बजट और डीपीआर:

परियोजना के लिए 75.28 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार हो चुकी है। हालांकि, महत्वाकांक्षी योजना होने के कारण लागत में वृद्धि की संभावना है।


इतिहास में प्रयास:

  • महाराज रुद्र सिंह (1839–1850): तीनों तालाबों का सुंदरीकरण।
  • रईस हाजी मोहम्मद वाहिद अली खान: पुनः सुंदरीकरण कार्य।
  • 1974: तत्कालीन रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा ने तीनों तालाबों को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा।
  • 1993: तत्कालीन डीएम अमित खरे ने सुंदरीकरण का प्रयास किया, लेकिन स्थानांतरण के कारण परियोजना अधूरी रह गई।
  • 1994: छात्र संस्था “तरू-मित्र” ने इसके विकास के लिए आंदोलन किया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल

हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान इस परियोजना का शिलान्यास किया। यह कदम वर्षों से रुकी परियोजना को नई दिशा देगा।


पर्यटन और रोजगार की उम्मीदें

  • यह परियोजना स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाएगी।
  • दरभंगा का यह ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
  • नैनी झील की तर्ज पर विकसित होने से यह राज्य का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल बन सकता है।

निष्कर्ष

यह परियोजना दरभंगा के ऐतिहासिक महत्व को पुनर्जीवित करने और उसे आधुनिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि यह योजना सफलतापूर्वक पूरी होती है, तो यह स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *