ललित बाबू की विचारधारा सामाजिक समरसता और विकास हेतु प्रेरक रही: कुलपति
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में 103वीं ललित जयंती का भव्य आयोजन
दरभंगा। ललित नारायण मिश्र की 103वीं जयंती पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में भव्य समारोह आयोजित किया गया। कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने उनकी विचारधारा को सामाजिक समरसता और विकास के लिए प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय उनकी सोच को आगे बढ़ाने के लिए पूर्णतः संकल्पबद्ध है।

उन्होंने कहा कि ललित बाबू ने अपने 53 वर्षों के जीवन में समाज के उत्थान और राष्ट्र के विकास के लिए अनुकरणीय कार्य किए। हमें उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रेरणा लेकर सकारात्मक सोच के साथ समाजहित में कार्य करना चाहिए। कुलपति ने विश्वविद्यालय में शोधकार्यों, पुस्तकों के प्रकाशन और संगोष्ठियों के आयोजन पर जोर दिया और शिक्षकों से छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु समर्पित रहने का आह्वान किया।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आर.के. कॉलेज, मधुबनी के अवकाश प्राप्त राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. श्रुतिधारी सिंह ने कहा कि ललित बाबू ने मिथिला पेंटिंग्स को नई पहचान दी और जयंती जनता ट्रेन में पहली बार इसका प्रयोग कराया। वे कुशल प्रशासक, सच्चे समाजसेवी और उच्च कोटि के राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने मिथिलांचल के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
मुख्य वक्ता सीनेटर डॉ. बैद्यनाथ चौधरी ‘बैजू’ ने विश्वविद्यालय और सी.एम. कॉलेज की स्थापना से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं को साझा किया और ललित बाबू के संघर्षों को याद किया। उन्होंने कुलपति को विभिन्न चेयरों की स्थापना के लिए धन्यवाद देते हुए ललित बाबू को भारत रत्न देने की मांग की।

विशिष्ट अतिथि ललित कला संकायाध्यक्ष प्रो. पुष्पम नारायण ने कहा कि दूरदर्शी अर्थशास्त्री ललित बाबू का जन्म वसंत पंचमी के दिन हुआ था, जो एक दिव्य संयोग है। उन्होंने मिथिला और बिहार के विकास के लिए अतुलनीय योगदान दिया और कोसी बाढ़ जैसी समस्याओं के समाधान हेतु अथक प्रयास किए।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. अजय कुमार पंडित ने ललित बाबू को बिहार की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा कि मैथिली भाषा और साहित्य को साहित्य अकादमी में शामिल करवाने, मिथिला पेंटिंग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने, और 36 रेल परियोजनाओं की शुरुआत का श्रेय उन्हीं को जाता है।
समारोह की शुरुआत कुलपति द्वारा ललित बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। जुबली हॉल में आयोजित इस समारोह में बिहार गीत, कुलगीत और राष्ट्रगान की प्रस्तुति स्नातकोत्तर संगीत एवं नाट्य विभाग के छात्र-छात्राओं ने दी।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, पदाधिकारी, शिक्षक, शोधार्थी, छात्र, एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी एवं स्वयंसेवक उपस्थित थे। प्रो. अशोक कुमार मेहता ने कुशल संचालन किया, जबकि स्वागत संबोधन ललित नारायण मिश्र चेयर के निदेशक प्रो. अंबरीश कुमार झा ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आर. एन. चौरसिया ने किया।
