दरभंगा में ई-कॉमर्स निर्यात कार्यशाला का सफल आयोजन
दरभंगा बनेगा निर्यात का हब: प्रमुख उत्पादों के वैश्विक विस्तार पर जोर
दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त श्री मनीष कुमार (आईएएस) की अध्यक्षता में आज विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT), कोलकाता, बिहार सरकार एवं फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के संयुक्त तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण ई-कॉमर्स निर्यात कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला आयुक्त कार्यालय के सभागार में संपन्न हुई, जिसका उद्देश्य “निर्यात बंधु योजना” के अंतर्गत ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा देना था।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि श्री मनीष कुमार ने ई-कॉमर्स निर्यात की महत्ता को रेखांकित किया और कहा कि भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति 2023 एवं राज्य सरकार की निर्यात नीति में ई-कॉमर्स निर्यात को विशेष प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि दरभंगा संभाग के प्रमुख निर्यात उत्पादों जैसे मखाना, मिथिला पेंटिंग, हस्तशिल्प एवं जैविक कृषि उत्पादों के निर्यात में ई-कॉमर्स की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों के नियमित आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया।

दरभंगा बनेगा निर्यात का हब
आयुक्त महोदय ने कहा कि मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए निर्यातकों का स्वागत है। उन्होंने कहा कि आगामी 10 वर्षों में दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, झंझारपुर एवं दलसिंहसराय निर्यात के प्रमुख केंद्र बन सकते हैं। वर्तमान में बिहार भारत के 18वें स्थान पर है, लेकिन इसे शीर्ष स्थान तक पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। मखाना के लिए विशेष बोर्ड के गठन की प्रक्रिया जारी है।
जिलाधिकारी दरभंगा श्री राजीव रौशन ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बिहार ने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहा कि मधुबनी में मिथिला सिल्क एवं पेंटिंग, दरभंगा में मखाना, समस्तीपुर में हल्दी और बेगूसराय में लाल मिर्च का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। इस कार्यशाला के माध्यम से निर्यातकों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों (MSME) को प्रोत्साहित किया गया।

ई-कॉमर्स निर्यात की व्यापक संभावनाएं
संयुक्त महानिदेशक विदेश व्यापार, श्री अमित कुमार ने बताया कि ई-कॉमर्स निर्यात के माध्यम से 2030 तक 200 बिलियन डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने की योजना है। उन्होंने कहा कि दरभंगा संभाग के उत्पादों को वैश्विक बाजार में अधिक पहुंच दिलाने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग आवश्यक है। साथ ही, उन्होंने सरकार द्वारा निर्यातकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जैसे ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब, नवीन ई-BRC नीति एवं ट्रेड-ई-कनेक्ट पोर्टल के बारे में जानकारी दी।
बिहार का निर्यात दर्ज कर रहा तेज वृद्धि
उन्होंने बताया कि बीते 10 वर्षों में बिहार का निर्यात 187% की वृद्धि के साथ 5781 करोड़ (2013-14) से बढ़कर 16645 करोड़ (2023-24) हो गया है।
मधुबनी के जिलाधिकारी श्री अरविंद कुमार वर्मा ने निर्यात को सशक्त बनाने पर जोर देते हुए कहा कि छोटे निवेशकों को आगे लाने की आवश्यकता है। समस्तीपुर के जिलाधिकारी श्री रौशन कुशवाहा ने कहा कि निर्यात के लिए गुणवत्ता सुधार, पैकेजिंग उन्नयन, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का विस्तार एवं कच्चे माल की उचित प्रोसेसिंग आवश्यक है।

निर्यातकों को दी गई आवश्यक जानकारियां
कार्यशाला में डाक निर्यात केंद्र बिहार के निदेशक श्री पवन कुमार ने डाक निर्यात केंद्र की सुविधाओं पर प्रकाश डाला। साथ ही, MSME मंत्रालय, ECGC, IDBI बैंक, इंडिया पोस्ट, APEDA, DHL एवं अमेज़न ग्लोबल सेलिंग जैसी प्रमुख संस्थाओं ने निर्यातकों को विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान किया।
कार्यशाला में दस्तावेजीकरण, कस्टम प्रक्रियाएं, ई-कॉमर्स निर्यात, वित्तीय सहायता योजनाएं और लॉजिस्टिक्स जैसे विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों ने जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन एफआईईओ पूर्वी क्षेत्र के कार्यपालक प्रबंधक श्री अर्नब चक्रवर्ती ने किया। इस अवसर पर आयुक्त सचिव श्री सत्येंद्र कुमार, संयुक्त सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकारी श्री राजेश कुमार, उपनिदेशक जनसंपर्क दरभंगा श्री सत्येंद्र प्रसाद, उद्योग परियोजना प्रबंधक सुश्री सुरुचि कुमारी एवं अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
200 से अधिक निर्यातकों की भागीदारी
इस कार्यशाला में दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर जिलों के 200 से अधिक प्रमुख निर्यातकों ने भाग लिया। उपस्थित निर्यातकों ने कार्यशाला से महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कीं और कहा कि यह आयोजन उनके व्यापार को नए आयाम देने में मील का पत्थर साबित होगा।
