Darbhanga | भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री और राजनीति का रिश्ता समय-समय पर सुर्खियों में रहता है। खेसारी लाल यादव द्वारा मनोज तिवारी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की इच्छा जताने के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या एक भोजपुरी कलाकार को वाकई में मुख्यमंत्री के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि, यह केवल खेसारी लाल यादव की व्यक्तिगत राय हो सकती है, लेकिन इससे भोजपुरी समुदाय की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं की झलक जरूर मिलती है।
पूर्वांचल और बिहार के लोगों की प्रतिक्रिया
मनोज तिवारी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग बिहार में भी उठने लगी है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां भोजपुरी भाषी लोग बड़ी संख्या में हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके में मनोज तिवारी की लोकप्रियता काफी ज्यादा है, क्योंकि वे न सिर्फ एक सफल गायक और अभिनेता हैं, बल्कि एक सफल राजनेता भी साबित हुए हैं।
भोजपुरी कलाकारों का बढ़ता राजनीतिक कद
खेसारी लाल यादव ने जो बात कही, वह केवल मनोज तिवारी तक सीमित नहीं है। यह संकेत है कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार भी अब राजनीतिक रूप से सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं। इससे पहले भी कई भोजपुरी सितारे राजनीति में आ चुके हैं—जैसे कि रवि किशन, दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ और पवन सिंह।
भाजपा की रणनीति और मनोज तिवारी की स्थिति
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2019 के लोकसभा चुनावों में मनोज तिवारी को दिल्ली में उत्तर पूर्वी सीट से उम्मीदवार बनाया था, और उन्होंने बड़ी जीत हासिल की थी। हालांकि, 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में बतौर प्रदेश अध्यक्ष उनका प्रदर्शन कमजोर रहा था, जिसके बाद उन्हें पद से हटाया गया। इसके बावजूद, उनकी लोकप्रियता बनी हुई है और उन्हें पूर्वांचल के वोटरों का मजबूत समर्थन मिलता है।
क्या बिहार की राजनीति में मनोज तिवारी का भविष्य है?
फिलहाल, मनोज तिवारी दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन अगर उन्हें बिहार में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है, तो यह दिलचस्प होगा। हालांकि, बिहार की राजनीति में स्थानीय नेताओं का दबदबा है और जातीय समीकरण बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में, भाजपा अगर उन्हें बिहार की राजनीति में उतारती है, तो यह रणनीतिक रूप से बड़ा फैसला होगा।
अंत में…
खेसारी लाल यादव के बयान के बाद यह बहस जरूर शुरू हो गई है कि क्या मनोरंजन जगत के बड़े चेहरे राजनीति में बड़ी जिम्मेदारी निभा सकते हैं। मनोज तिवारी का राजनीतिक करियर अच्छा रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री पद की दौड़ में वे कितने आगे आ सकते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
आपको क्या लगता है—क्या मनोज तिवारी को बिहार में कोई बड़ी भूमिका मिल सकती है, या यह सिर्फ चर्चाओं तक सीमित रहेगा?