Muzaffarpur News | मुजफ्फरपुर जिले के मनियारी को प्रखंड बनाने की दिशा में सरकार ने अहम कदम उठाया है। पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता के प्रस्ताव पर ग्रामीण विकास विभाग ने तिरहुत प्रमंडलीय आयुक्त और जिला पदाधिकारी से 16 बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
इसके लिए विभाग के अवर सचिव ने प्रखंड सृजन या पुनर्गठन का प्रारूप भेजा है। विदित हो कि जिले में 10 नए प्रखंड बनाने की योजना वर्षों से लंबित है, लेकिन एक साथ सभी प्रखंडों का निर्माण संभव नहीं होने के कारण सरकार अब एक-एक कर नए प्रखंड गठित करने पर काम कर रही है। इसमें सबसे अहम मांग कुढ़नी से अलग कर मनियारी को प्रखंड बनाने की है।
मंत्री ने मुख्यमंत्री से किया था अनुरोध
प्रगति यात्रा के दौरान पंचायती राज मंत्री एवं कुढ़नी के विधायक केदार प्रसाद गुप्ता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मनियारी को अलग प्रखंड बनाने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि कुढ़नी 39 पंचायतों (37 ग्राम पंचायत और 2 नगर पंचायत) के साथ सबसे बड़ा प्रखंड है।
30 किमी दूर जाना पड़ता है ग्रामीणों को
कुढ़नी प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र के लोगों को लगभग 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इसे देखते हुए पूर्वी क्षेत्र की 14 पंचायतों को कुढ़नी से अलग कर मनियारी को प्रखंड बनाने की योजना बनाई गई है।
मनियारी प्रखंड प्रस्ताव के लिए मांगी गई रिपोर्ट में शामिल बिंदु
ग्रामीण विकास विभाग ने जो रिपोर्ट मांगी है, उसमें ये मुख्य बिंदु शामिल हैं:
- 2011 की जनसंख्या रिपोर्ट
- शामिल की जाने वाली पंचायतों की संख्या और उनके नाम
- प्रस्तावित मुख्यालय से दूरी
- संबद्ध अनुमंडल का नाम
- पुराने प्रखंड मुख्यालय से प्रस्तावित पंचायतों की दूरी
- प्रखंड का नाम और इसे बनाने का औचित्य
- संबंधित पंचायत सचिवों की अनुशंसा
किन पंचायतों को मिलाकर बनेगा मनियारी प्रखंड
मनियारी प्रखंड बनाने के लिए कुढ़नी प्रखंड की 14 पंचायतों को अलग किया जाएगा। ये पंचायतें हैं:
- मोहम्मदपुर मोबारक
- चैनपुर वाजिद
- अमरख
- रघुनाथपुर मधुबन
- महंत मनियारी
- हरिशंकर मनियारी
- रतनौली
- छितरौली
- किनारू
- सोनबरसा
- अख्तियारपुर परैया
- शहपुर मरीचा
- हरपुर बलड़ा
- पकाही
क्या होगा फायदा?
अगर मनियारी को नया प्रखंड घोषित किया जाता है, तो इससे पूर्वी क्षेत्र के ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, राजस्व से जुड़े कार्यों, पेंशन योजनाओं और प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। इससे प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।