Lalu Yadav V/s Subhash Yadav | CM हाउस से फिरौती की सौदेबाजी होती थी?

लालू यादव पर सुभाष यादव के गंभीर आरोप, बिहार की सियासत में नया भूचाल

➡️ पूर्व CM के साले सुभाष यादव का दावा – अपहरण और फिरौती की डील मुख्यमंत्री आवास से होती थी
➡️ लालू यादव खुद तय करते थे फिरौती की रकम, CM हाउस में होती थीं बैठकें
➡️ राजनीतिक गलियारों में मचा हड़कंप, RJD की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं

क्या CM हाउस से फिरौती की सौदेबाजी होती थी?

पटना: बिहार की राजनीति में एक नया भूचाल तब आ गया जब लालू यादव के साले सुभाष यादव ने उन पर अपहरण और फिरौती के सौदों में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया। गुरुवार को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सुभाष यादव ने कहा कि लालू यादव के मुख्यमंत्री रहते (1990-2005), CM हाउस से अपहरण और फिरौती की डील तय की जाती थी

उन्होंने कहा कि फिरौती की रकम लालू यादव खुद तय करते थे और इसको लेकर मुख्यमंत्री आवास में बैठकें होती थीं, जिनमें उनके करीबी नेता भी शामिल होते थे। उनके इस दावे के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई

राजद पर लगा नया दाग, सुभाष यादव का बड़ा खुलासा

सुभाष यादव ने यह भी सवाल किया कि उन्हें चारा घोटाले या अलकतरा घोटाले में क्यों नहीं पकड़ा गया, जबकि उन्हें बदनाम करने की साजिश रची गई। उन्होंने लालू यादव पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “असल गुनहगार लालू यादव हैं”

राबड़ी देवी के CM बनने के बाद सुभाष यादव ने?
सुभाष यादव लालू प्रसाद यादव के सगे साले और राबड़ी देवी के भाई हैं। 90 के दशक में साधु यादव और सुभाष यादव को सत्ता का केंद्र माना जाता था। 1997 में राबड़ी देवी के CM बनने के बाद सुभाष यादव ने पटना सचिवालय की अपनी क्लर्क की नौकरी छोड़ दी और सत्ता में सक्रिय हो गए। लेकिन अब उनके रिश्ते लालू यादव और उनके परिवार से खराब हो चुके हैं

बिहार की राजनीति में बढ़ी हलचल, RJD की चुप्पी सवालों के घेरे में

सुभाष यादव के इन आरोपों पर अब तक राजद (RJD) की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई। लेकिन यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार की राजनीति में नए गठबंधन और समीकरण बन रहे हैं

अब देखने वाली बात होगी कि:
क्या लालू यादव या RJD इस पर कोई सफाई देते हैं?
क्या यह आरोप बिहार की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव ला सकते हैं?
क्या 2025 विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा उठेगा?

यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की जनता और विपक्षी दल इस पर क्या रुख अपनाते हैं

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