Samastipur News : नमस्कार मैं सौरभ ठाकुर samastipurnews.in से आपको बताते चले की समस्तीपुर में मलेरिया नियंत्रण की स्थिति चिंताजनक है। जिले में स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों की खुली अवहेलना हो रही है। सदर अस्पताल में प्रतिमाह 800-900 प्रसव होते हैं, लेकिन एक भी गर्भवती महिला की मलेरिया जांच नहीं की जा रही है। जिले में एक सदर अस्पताल, तीन अनुमंडलीय अस्पताल, एक रेफरल अस्पताल, 12 सीएचसी, 8 पीएचसी, 45 एपीएचसी और 360 स्वास्थ्य उप केंद्र हैं। इन सभी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व मलेरिया जांच अनिवार्य है। मगर मलेरिया विभाग की उदासीनता के कारण यह जांच नहीं हो पा रही है।
Samastipur News : मलेरिया के मरीजों की संख्या चिंताजनक
इस वर्ष अब तक मलेरिया के तीन मरीज मिले हैं। पिछले वर्ष कुल 27 मरीज मिले थे। इनमें 20 मामले प्लाज्मोडियम वाइवैक्स के और 7 मामले अधिक खतरनाक प्लाज्मोडियम फैल्सीपैरम के थे।
6 दिन बाद दिखाई देते हैं लक्षण
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार के अनुसार, मलेरिया के लक्षण मादा मच्छर के काटने के 6 दिन बाद दिखाई देते हैं। गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भस्थ शिशु के लिए यह बीमारी विशेष रूप से खतरनाक है। गर्भवती महिलाओं में मलेरिया से माता मृत्यु, मृत शिशुओं का जन्म और कम वजन वाले बच्चों का जन्म जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। अस्पताल परिसर में जगह-जगह जलजमाव और नल कूप से पानी का रिसाव मच्छरों के प्रजनन को बढ़ावा दे रहा है।
जागरूकता कार्यक्रम बन रहे दिखावा
हर साल विश्व मलेरिया दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सख्त निर्देश होने के बावजूद जांच प्रक्रिया में लापरवाही बरती जा रही है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस मुद्दे पर कार्रवाई करनी चाहिए।
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