Bihar News : बिहार में पिछले डेढ़ साल में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उन सभी का डिजिटल डाटा तैयार कर लिया गया है। इसमें तीन या उससे अधिक बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले 10 हजार से अधिक लोगों की पहचान की गई है। इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने, उनके लाइसेंस रद्द करने से लेकर अन्य नियम संगत कार्रवाई करने के लिए संबंधित जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) को अनुशंसा की गई है। यह जानकारी एडीजी (यातायात) सुधांशु कुमार ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग को मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि तीन या उससे अधिक बार ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले करीब 5 हजार लोग अकेले पटना से हैं। इसके अलावा मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया समेत अन्य शहरों के लोग इसमें शामिल हैं। इन सभी जिलों के डीटीओ को संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है।
एडीजी ने कहा कि नियमानुसार इन लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस तीन महीने के लिए रद्द किया जा सकता है। इसके बाद भी यातायात नियमों का उल्लंघन करना बंद नहीं करने वालों का ड्राइविंग लाइसेंस हमेशा के लिए रद्द किया जा सकता है या फिर उनके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जा सकती है। लोगों ने यातायात अपराधों की सबसे अधिक पांच श्रेणियों को अंजाम दिया है। इनमें लाल बत्ती पर नहीं रुकना, बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाना, गलत दिशा में या रिवर्स में वाहन चलाना, दोपहिया वाहन पर तीन लोगों का सवार होना और बिना सीट बेल्ट के चार पहिया वाहन चलाना शामिल है।
इस अवसर पर एसपी (यातायात) अपराजित लोहान ने कहा कि पटना में यातायात को नियंत्रित करने के लिए बड़े पैमाने पर पहल शुरू की गई है। पिछले दिनों 150 बस और ऑटो चालकों और कंडक्टरों को नोटिस जारी कर बुलाया गया था। उन्हें यातायात नियमों की जानकारी दी गई। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।