समस्तीपुर जिले में आवारा कुत्तों का आतंक अब एक बड़ी समस्या बन चुका है। शहर से लेकर गांवों तक, हर जगह लोग इन कुत्तों के हमलों से परेशान हैं।
आए दिन आवारा कुत्तों की टोलियां राह चलते लोगों पर हमला कर देती हैं। खासकर रात के समय ये कुत्ते सड़कों पर ज्यादा सक्रिय रहते हैं। अकेले या कमजोर दिखने वाले व्यक्ति इनके प्रमुख शिकार बनते हैं। जनवरी के पहले पखवाड़े में ही, 933 लोग कुत्तों के हमलों से घायल होकर इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचे।
हैरानी की बात यह है कि सदर अस्पताल में प्रतिदिन 70-80 लोग एंटी-रेबीज वैक्सीन (ARV) का टीका लगवाने पहुंचते हैं। यह आंकड़े समस्या की गंभीरता को दर्शाते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 14 जनवरी तक कई दिनों में 100 से ज्यादा लोग कुत्तों के हमले का शिकार हुए। उदाहरण के लिए, 3 जनवरी को 102 लोग और 4 जनवरी को 160 लोग कुत्तों के काटने के बाद इलाज कराने आए।
शहर के विभिन्न मोहल्लों जैसे कृष्णा नगर, स्टेशन रोड और रामबाबू चौक के निवासी इस समस्या से अधिक प्रभावित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।